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नई दिल्ली: कोरोना की वजह से प्रदेश सरकारों के सामने इस समय पैसे की सबसे बड़ी समस्या खड़ी हो रही है। पिछले 40 जिन से ज्यादा समय से सरकार को कोई राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है, क्योंकि लॉकडाउन की वजह से उद्योग धंधे बंद है। ऐसे में राज्य सरकारों ने शराब और पेट्रोल के दामों में इजाफा करके पैसा इकट्ठा करना शुरू किया है। दिल्ली के बाद अब यूपी सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल के दामों के साथ-साथ शराब के दामों में भी इजाफा कर दिया है।
यूपी सरकार में मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए बताया कि सरकार ने शराब, पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ाने का निर्णय किया है। वैट लगने के बाद पेट्रोल का दाम 2 रुपए प्रति लीटर और डीजल का दाम 1 रुपए प्रति लीटर बढ़ा है। प्रदेश में अब पेट्रोल 73.91 प्रति लीटर और डीजल 63 रुपए 86 पैसे प्रति हो जाएगा। सरकार ने बताया कि प्रदेश में किसानों का हित ध्यान में रखते हुए डीजल को 1 प्रति लीटर महंगा किया गया है। यह आदेश आज 12 बजे से लागू हो जाएगा। पेट्रोल और यूपी में वैट बढ़ाने के बाद सरकार को 2070 करोड़ रुपए का प्रति वर्ष अतिरिक्त रेविनू प्राप्त होगा।
सुरेश खन्ना ने बताया कि शराब की बिक्री बंद होने से अवैध शराब पीना शुरु कर दिया था। जिस कारण अवैध शराब गांव-गांव बनने लगी थी। प्रशासन के कार्रवाई करके 80 हजार 20 लीटर अवैध शराब मई के पहले हफ्ते तक पकड़ी गई।
शराब हुई इतनी महंगी
- देशी शराब पर 5 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है। जिसके बाद 65 रुपये में मिलने वाली अब 70 रुपये में मिलेगी।
- इसके साथ ही अंग्रेजी शराब पर 180 ml तक 10 रुपये, 180 से 500 ml तक 20 रुपये और 500 ml से ऊपर 30 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है।
- इसके साथ ही विदेश से आने वाली शराब की बोतल 400 रुपए महंगी हो गई है।
- वैट बढ़ाने के बाद सरकार को 2350 करोड़ रुपए का प्रति वर्ष अतिरिक्त रेविनू प्राप्त होगा।
बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और रोड सेस बढ़ा दिया था। पेट्रोल पर 8 रुपये रोड सेस और 2 रुपये एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ाई गई थी। इस तरह 10 रुपये प्रति लीटर बढ़ोतरी हुई थी। इसी तरह डीज़ल पर 8 रुपये रोड सेस और 5 रुपये एक्साइज ड्यूटी बढ़ाया गया था, इस तरह कुल 13 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई थी। हालांकि इसका भार लोगों पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस समय कच्चा तेल काफी सस्ता है और इसकी कीमत को एक्साइज ड्यूटी और रोड सेस के बढ़े दामों जितना कम किया जा सकता था, लेकिन सरकार ने लोगों को इसका फायदा नहीं देते हुए अपना खजाना भर लिया।
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