गुजरात। मतगणना शुरू होते ही भारतीयों की निगाहें वाराणसी और गुजरात के गांधीनगर पर टिक गई हैं. वर्तमान समय में राजनीति के ‘सबसे बड़े चाणक्य’ माने जाने वाले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इस सीट से मैदान में हैं. शुरुआती रुझानों के अनुसार गांधीनगर लोकसभा सीटे से अमित शाह सवा लाख वोटों से आगे चल रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने अमित शाह के खिलाफ डॉक्टर सीजे चावड़ा को मैदान में उतारा है.
गांधीनगर सीट बीजेपी के लिए लगभग अभेद्य किला बन चुकी है. यहां से बीजेपी के सबसे बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी सांसद हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कर्मभूमि रही गांधीनगर सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ रही है. भाजपा 1989 से इस सीट पर लगातार जीत हासिल करती आई है. गांधीनगर सीट पर 1967 में पहली बार चुनाव हुआ था और इसमें कांग्रेस को विजय मिली थी. इसके बाद वर्ष 1971 के चुनाव में कांग्रेस, 1977 के चुनाव में जनता दल और 1980 में कांग्रेस को इस सीट से जीत मिल चुकी है.
1989 के चुनाव में बीजेपी के नेता और बाद में राज्य के सीएम बने शंकरसिंह वाघेला ने गांधीनगर सीट पर कब्जा कर लिया. तब से अब तक इस सीट पर भाजपा का कब्जा है. वर्ष 1991 में लालकृष्ण आडवाणी और 1996 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस सीट से जीत हासिल की थी. इसके बाद 1998 से लेकर अब तक आडवाणी ने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है. अब इस सीट से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह खुद प्रत्याशी है.
गांधीनगर लोकसभा सीट पर वाघेला और पटेल लोगों का वर्चस्व है. गांधीनगर में सात विधानसभा क्षेत्र गांधीनगर उत्तर, घटोलडिया, साबरमती, कलोल, बेजालपुर, सानंद और नारनपुरा आती है. वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस लोकसभा क्षेत्र की 7 में से 5 विधानसभा सीटों पर कब्जा किया था. इस सीट पर उम्मीदवार तलाशने में कांग्रेस को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा. माना जाता है कि आडवाणी के चुनाव प्रचार की पूरी कमान शाह ही संभालते थे.
सरखेज और नारनपुरा विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं अमित शाह
शाह के लिए गांधीनगर खास रहा है क्योंकि शाह सरखेज और नारनपुरा विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं. शाह कई साल तक नारनपुरा में रहे हैं. वह अनेक कार्यकर्ताओं को उनके नाम से जानते हैं. शाह गुजरात क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं जो यहां पर दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट मैदान बनवा रहा है. इसमें 1.10 लाख दर्शकों के बैठने की क्षमता होगी. पार्टी सूत्रों के मुताबिक शाह का पार्टी अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है और चुनाव में जीत के बाद वह पीएम मोदी के बाद लोकसभा में दूसरे नंबर के नेता की भूमिका निभाएंगे.
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