
यूनिक समय, नई दिल्ली। गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में स्थित ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर के आसपास अतिक्रमण रोकने के उद्देश्य से बनाई जा रही दीवार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि दीवार की ऊंचाई 12 फीट नहीं, बल्कि अधिकतम 5 से 6 फीट होनी चाहिए।
यह मामला उस याचिका से जुड़ा है जिसमें आरोप लगाया गया कि अधिकारियों ने बिना पूर्व सूचना दिए धार्मिक स्थलों और घरों को गिराया है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि अतिक्रमण को रोकने के लिए 5-6 फीट ऊंची दीवार पर्याप्त है।
गुजरात सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सोमनाथ मंदिर की दीवार निर्माण का बचाव करते हुए कहा कि यह एक वैध उपाय है जो सरकारी भूमि की रक्षा के लिए किया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कोई “किला” नहीं है, बल्कि अतिक्रमण से सुरक्षा के लिए सामान्य दीवार है। उन्होंने यह भी बताया कि 12 फीट की ऊंचाई का दावा याचिकाकर्ता द्वारा केवल मौखिक रूप से किया गया है।
वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने दावा किया कि इतनी ऊंची दीवार बनाकर परिसर के भीतर क्या हो रहा है, यह बाहर से दिखाई नहीं दे रहा और इससे यथास्थिति प्रभावित हो रही है। इस पर अदालत ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि “अब तो हर जगह ड्रोन मौजूद हैं”, जिससे स्थिति देखी जा सकती है।
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 मई की तारीख तय की है और कहा है कि यदि परिसर में कोई नया निर्माण कार्य किया जा रहा है, तो याचिकाकर्ता दोबारा अदालत का रुख कर सकते हैं।
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