यूनिक समय, करौली। गुर्जर आरक्षण की लंबित मागों को लेकर फिर से पटरी जमे गुर्जर आंदोलनकारियों के कारण पूर्वी राजस्थान का जनजीवन अस्त-व्यस्त होने लग गया है। आंदोलनकारियों ने दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर कब्जा जमा लिया है। वहीं बयाना हिंडौन सड़क मार्ग को भी जाम कर दिया है।
आंदोलन के कारण भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, धौलपुर और जयपुर जिले की 9 उपखंडों में इंटरनेट बंद (Internet shut down) है। दीवाली के मौके पर रेलवे ट्रैक और सड़क के जाम होने से लोग बुरी तरह से परेशान हैं. कोरोना काल में बमुश्किल पटरी पर आ रहा व्यापार प्रभावित होने से व्यापारी भी माथा पकड़कर बैठे हैं।
करौली रोडवेज बस डिपो से सभी मार्गों पर बसों का संचालन रोक दिये जाने के बाद से बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा पड़ा हैवहीं हिंडौन रोडवेज डिपो ने भी आगरा की जाने वाले सभी मार्गों पर रोडवेज बसों का संचालन भी बंद कर दिया है। दूसरी ओर रेलवे ट्रैक जाम होने के बाद सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए वार्ता के लिये करौली जिले के प्रभारी खेल मंत्री अशोक चांदना रविवार देर शाम हिण्डौन सिटी पहुंचे थे। हिंडौन सिटी के विद्युत विभाग के सर्किट हाउस में गुर्जर प्रतिनिधियों से वार्ता की जानी थी, लेकिन गुर्जर प्रतिनिधियों के नहीं पहुंचने कारण वार्ता नहीं हो सकी. इसके बाद मंत्री आंदोलन स्थल भरतपुर जिले के बयाना के पीलूपुरा के लिए रवाना हुए, लेकिन रास्ता जाम होने के कारण मंत्री चांदना वापस जयपुर लौट गए। माना जा रहा है कि सोमवार को सरकार से कर्नल बैंसला गुट की वार्ता हो सकती है।
बड़ी संख्या में सुरक्षा जवान तैनात किए गए हैं
गौरतलब है कि 2 दिन पहले गुर्जर समाज के एक धड़े द्वारा जयपुर जाकर सरकार से वार्ता की गई थी। उसमें 14 बिंदुओं पर सहमति बनी। लेकिन दूसरे गुट ने पीलूपुरा में महापंचायत का आयोजन रखा था। महापंचायत के बाद उत्साही युवाओं ने रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया। उसके बाद रेलवे ट्रैक जाम होने से रेलवे को ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित करना पड़ा। गुर्जर समाज के आरक्षण आंदोलन के चलते सरकार की ओर से सुरक्षा के मद्देनजर इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षा जवान तैनात किए गए हैं। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला का कहना है कि सरकार जो भी वार्ता करे वह पीलूपुरा में ही होगी। समाज के लोगों की सहमति के बाद ही आगे कोई निर्णय किया जाएगा।
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