नई दिल्ली। राजस्थान में पांच फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर पिछले आठ दिनों से चल रहा गुर्जर आंदोलन आज समाप्त हो गया है। संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा की, मेरा अनुरोध है कि राजस्थान भर में सभी अवरोधों को तत्काल हटा दिया जाए। कर्नल बोले आंदोलन स्थगित करने की घोषणा करता हूं, असुविधा के लिए माफी मांगता हूं। आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा कर दी। सरकार और गुर्जर नेताओं में हुए समझौते की ड्राफ्ट कॉपी लेकर मंत्री विश्वेंद्र सिंह शनिवार को सवाईमाधोपुर में धरना स्थल पहुंचे। इसके बाद किरोड़ी बैंसला ने कहा, आंदोलन के दौरान हुई असुविधा के लिए मैं सभी से क्षमा चाहता हूं। हमें पांच प्रतिशत आरक्षण मिल गया है। अगर इसमें कानूनी अड़चन आती है तो उसे दूर करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुझे व्यक्तिगत तौर पर दूर करने व सहायता करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि इसमें एक-दो बिंदु रह गए हैं उनका मैँ यहां जिक्र नहीं करूंगा। उस बारे में बात में बात करेंगे।
गुर्जर सहित पांच जातियों को आरक्षण सम्बंधी विधेयक विधानसभा में पारित किए जाने के बाद भी राजस्थान में गुर्जरों का आंदोलन जारी था। आंदोलन के नौवें दिन पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह द्वारा शनिवार को आंदोलन स्थल पर मसौदे को पढ़ने के बाद किरोड़ी ने आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की। गुर्जर आरक्षण बिल के संबंध में जयपुर में समझौता ड्राफ्ट तैयार किया गया। इसे शनिवार सुबह ग्यारह बजे सवाईमाधोपुर भेजा गया। इस मसौदा पत्र को पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने गुर्जर आन्दोलन कर्मियों को सौंपा।
इसके बाद गुर्जर आरक्षण समिति के पदाधिकारी ने गुर्जर समाज के आन्दोलनकारियों के सामने पढक़र सुनाया। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने मसौदे पर हस्ताक्षर कर दिए। इसके बाद मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने पुलवामा में आतंकी हमले पर शोक व्यक्त किया। इसके बाद मंत्री ने कहा कि इस आन्दोलन से आम जनता और गुर्जर आन्दोलकारी को कष्ट हुआ इसके लिए मैं माफी चाहूंगा। इसके बाद उन्होंने गुर्जर आन्दोलनकारियों को आरक्षण के लिए बधाई दी। बैंसला ने सरकार का धन्यवाद दिया।
इससे पहले शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से फोन पर बात कर आंदोलन समाप्त करने का आग्रह किया। पिछले आठ दिन से चल रहे गुर्जर आंदोलन के कारण जनता परेशान थी। आंदोलन के कारण अब तक 225 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुई। शुक्रवार को भी 24 ट्रेनों पर असर पड़ा। दिल्ली-मुंबई जैसे अति व्यस्त मार्ग बाधित होने से रोज लाखों यात्री परेशान हो रहे थे। वहीं राज्य में कई जगहों पर हाईवे भी जाम कर दिए गए थे। इससे न केलव लोगों को परेशानी हो रही थी बल्कि पर्यटन पर भी विपरीत असर पड़ रहा था। गोल्डन ट्राइएंगल में शामिल जयपुर आने पर्यटक राजस्थान नहीं पहुंच पा रहे थे। देसी-विदेशी सैलानियों द्वारा बुकिंग रद्द किए जाने से रेलवे, रोडवेज व राज्य को आर्थिक तौर पर भी नुकसान हो रहा था।
गौरतलब है कि गुर्जरों की मांग को देखते हुए पिछले बुधवार को राज्य सरकार ने विधानसभा में इसका विधेयक पारित करवाया था। उसके बाद बुधवार रात को ही राज्यपाल ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी। इस विधेयक के साथ ही राज्य विधानसभा ने विधेयक को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए एक शासकीय संकल्प भी ध्वनिमत से पारित किया था।
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