ज्ञानवापी में जो तहखाने दृश्यमान हैं, उनके अलावा भी अन्य तहखानों के होने की संभावना जताई गई है। ज्ञानवापी के दक्षिण तहखाने के समीप कुएं भी हैं। जिन तहखानों में सर्वे नहीं हुआ है, वहां प्राचीन ज्ञानवापी मंदिर का गर्भगृह होने की संभावना है। इसलिए अदालत से अनुरोध किया गया है कि सभी तहखानों का मलबा हटा कर साफ-सफाई करा कर उनका एएसआई से सर्वे कराया जाए।
प्रभारी जिला जज अनिल कुमार पंचम की अदालत में आवेदन देकर सोमवार को ज्ञानवापी के बंद तहखानों का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने की मांग की गई। यह आवेदन मां शृंगार गौरी केस की वादिनी राखी सिंह की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने दाखिल किया है। अदालत ने प्रकरण की सुनवाई की तिथि छह फरवरी नियत की है।
अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने कहा कि एएसआई की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार ज्ञानवापी में आठ तहखाने हैं। इनमें से एस-1 और एन-1 तहखाना का सर्वे नहीं हुआ है। क्योंकि इन दोनों तहखानों के भीतर प्रवेश करने का जो रास्ता है उसे ईंट-पत्थर से बंद कर दिया गया है। ज्ञानवापी में जो तहखाने दृश्यमान हैं, उनके अलावा भी अन्य तहखानों के होने की संभावना जताई गई है। ज्ञानवापी के दक्षिण तहखाने के समीप कुएं भी हैं।
जिन तहखानों में सर्वे नहीं हुआ है, वहां प्राचीन ज्ञानवापी मंदिर का गर्भगृह होने की संभावना है। इसलिए अदालत से अनुरोध किया गया है कि सभी तहखानों का मलबा हटा कर साफ-सफाई करा कर उनका एएसआई से सर्वे कराया जाए। उधर, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से आवेदन पत्र प्राप्त कर उस पर आपत्ति दाखिल करने की बात कही गई है।
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