ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस की पोषणीयता को लेकर में सोमवार 12 सितंबर को एक अहम फैसला सुनाया गया। इससे पहले दोनों ही पक्षों के वकील कोर्ट पहुंचे। आपको बता दें कि जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में यह फैसला सुनाया। इस फैसले से पहले ही शहर में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई थी। इसी के साथ ही पुलिस कमिश्नर ने धारा 144 लागू कर अलर्ट घोषित किया है।
#BREAKING | ज्ञानवापी मामले पर कोर्ट से हिंदू पक्ष की बड़ी जीत, श्रृंगार गौरी में पूजा की याचिका पर होगी सुनवाई #Gyanvapi | #GyanvapiCase | #HanumanChalisa | #VaranasiCourt | #Varanasi | #UttarPradesh | #UPNews pic.twitter.com/cQ7tRnAkkC
— Asianetnews Hindi (@AsianetNewsHN) September 12, 2022
सोमवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में इस मामले में फैसला आने से पहले ही ज्ञानवापी परिसर और धाम क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई। इतना ही नहीं बाबा विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार (बांसफाटक) पर कमांडों को तैनात किया गया। शहर में संवेदनशील इलाकों में ब्रज वाहन के साथ ही पुलिस और पीएसी कर्मियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा मदनपुरा, बजरडीहा, रेवड़ी तालाब, धरहरा, नई सड़क, दालमंडी, शिवाला समेत अन्य इलाकों में पुलिस टीम लगातार गश्त करती रही। वहीं एसपी भेलूपुर प्रवीण कुमार और इंस्पेक्टर भेलुपुर रमाकांत दुबे भी शहर में भ्रमण कर रहे। इतना ही नहीं फैसले को लेकर राज्य के अलग-अलग जिलों में पुलिस चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए हुए है।
कोर्ट के फैसले से ठीक पहले शहर के कंपनी बाग स्थित हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। चालीसा की चौपाइयों के साथ लोग तालियां बजाकर प्रार्थना कर रहे थे कि आज जो ज्ञानवापी पर फैसला आने वाला है वो हिन्दू पक्ष में आए। इसी कामना के साथ सभी महिलाएं और पुरुष एक ही ध्वनि में चालीसा का पाठ किया। इसके साथ ही कोना-कोना हर-हर महादेव के जयकारे से गूंज उठा। व्यक्तियों की एक ही मनोकामना की थी कि यह फैसला आगे बढ़े। इस दौरान महिलाओ में खासा उत्साह भी दिखाई दिया।
आपको बता दें कि 18 अगस्त 2021 को पांच महिलाओं ने शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और विग्रहों की सुरक्षा को लेकर याचिका दायर की थी। इसी मामले पर तत्कालीन सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी का सर्वे कराने का आदेश दिया था। उसके बाद 16 मई 2022 को सर्वे की कार्रवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 23 मई 2022 से इसी पर जिला कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
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