भगवान राम की सेना की तरफ लड़ते हुए राक्षसों के छक्के छुड़ा देने वाले हनुमान ने यह सोचा नहीं होगा कि कलियुग में उनकी प्रतिमा आदर्श चुनाव आचार संहिता के चक्कर में फंस जाएगी। 62 फुट लंबी और 750 टन की हनुमान की आधी प्रतिमा कोलार से कचाराकनाहल्ली की तरफ जा रही थी लेकिन चुनाव आचार संहिता का हवाला देकर पुलिस ने इसे सोमवार रात एनएच 48 पर रोक लिया। हनुमान की इस प्रतिमा को करीब 15 घंटे रोका गया जिसके चलते वहां जाम की स्थिति बन गई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक हनुमान की इस प्रतिमा को 300 पहियों वाले वाहन से ले जाया जा रहा था लेकिन कचाराकनाहल्ली से करीब 35 किलोमीटर पहले इसे रोक लिया गया। हनुमान की इस प्रतिमा का निर्माण कराने वाले श्री राम चैतन्य वर्धिनी ट्रस्ट के ट्रस्टी मुनीराजू ने बताया कि चुनाव आयोग के हस्तक्षेप के बाद प्रतिमा ले जाने की मंजूरी दी गई। प्रतिमा के लंबे समय तक वहां रोके जाने से एनएच 48 पर घंटों जाम की स्थिति बनी रही।
आधिकारिक सूत्रों ने मीडिया को बताया कि ट्रस्ट के सदस्यों ने कुछ शर्तों के साथ प्रतिमा ले जाने की मंजूरी ली थी। वहीं, ट्रस्टी मुनीराजू ने हनुमान की प्रतिमा रोके जाने के लिए कैबिनेट मंत्री के जी जॉर्ज पर आरोप लगाया। मुनीराजू का कहना है कि हनुमान की यह प्रतिमा सर्वग्ननगर में स्थापित की जानी है और यह जॉर्ज का विधानसभा क्षेत्र है। मुनीराजू ने आरोप लगाया कि मंत्री ने जानबूझकर आचार संहिता का हवाला देते हुए प्रतिमा को रास्ते में रुकवा लिया। हालांकि, मंत्री ने इन आरोपों को खारिज किया। 62 फुट की यह मूर्ति हसन जिले के श्रवणबेलगोला में स्थापित गोमतेश्वर की प्रतिमा (57 फीट) से बड़ी है और दुनिया में हनुमान की सबसे ऊंची प्रतिमा हो जाएगी।
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