गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने हार्दिक पटेल को अपनी ओर कर बड़ी बढ़त हासिल की है। पिछले सप्ताह कांग्रेस छोड़ने वाले हार्दिक पटेल आज भाजपा ज्वाइन करेंगे। इससे पहले उन्होंने अपने घर पर पूजा किया। हार्दिक ने आज सुबह ट्वीट किया कि वह एक नया अध्याय शुरू करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक छोटे सैनिक के रूप में काम करूंगा।
हार्दिक ने ट्वीट किया, “राष्ट्रहित, प्रदेशहित, जनहित एवं समाज हित की भावनाओं के साथ आज से नए अध्याय का प्रारंभ करने जा रहा हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्र सेवा के भगीरथ कार्य में छोटा सा सिपाही बनकर काम करूंगा।”
राष्ट्रहित, प्रदेशहित, जनहित एवं समाज हित की भावनाओं के साथ आज से नए अध्याय का प्रारंभ करने जा रहा हूँ। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्र सेवा के भगीरथ कार्य में छोटा सा सिपाही बनकर काम करूँगा।
— Hardik Patel (@HardikPatel_) June 2, 2022
हार्दिक पटेल को पार्टी में शामिल करने को लेकर बीजेपी ने अहमदाबाद स्थित पार्टी ऑफिस में कार्यक्रम आयोजित किया है। इस मौके पर सीएम भूपेंद्र पटेल और प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल भी मौजूद रहेंगे।
पाटीदार समुदाय के आरक्षण के लिए आंदोलन का नेतृत्व करने के बाद राजनीतिक परिदृश्य में आए हार्दिक पटेल के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को चुनाव में लाभ मिल सकता है। इस साल के अंत में गुजरात के 182 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होना है। वह 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। पिछले महीने सोनिया गांधी को इस्तीफा पत्र लिखने के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दिया था।
कांग्रेस छोड़ने के बाद हार्दिक पटेल ने इस बात से इनकार किया था कि वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी और प्रधानमंत्री की तारीफ में खूब बातें की थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस में मैंने अपना तीन साल बर्बाद कर दिया। कांग्रेस छोड़ने के बाद हार्दिक ने कहा था कि मैं अभी तक भाजपा में नहीं हूं और जाने का कोई फैसला नहीं किया है।
हार्दिक पटेल पहली बार 2015 में सुर्खियों में आए थे। उन्होंने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व किया था। हालांकि वह लोकसभा चुनाव से पहले मार्च 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। दंगा मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण वह संसदीय चुनाव नहीं लड़ पाए थे। उन्होंने बार-बार भाजपा सरकार पर निशाना साधा था। वह भाजपा की कड़ी आलोचना करते थे। भाजपा सरकार ने उनके खिलाफ देशद्रोह सहित कई मामले दर्ज किए थे।
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