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नई दिल्ली। अगर आप तनाव से ग्रस्त और चिंतित हैं तो मेडिटेशन करें। महज कुछ मिनट भी मेडिटेशन किया जाए तो आंतरिक शांति का अनुभव होता है। इसका अभ्यास कोई भी कर सकता है। यह सरल है और इसे करने के लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता भी नहीं होती। मेडिटेशन के कई फायदे होते हैं। इसे करने से दिमाग को शांति मिलती है और बॉडी रिलैक्स होती है। मेडिटेशन का अभ्यास आप कहीं भी कर सकते हैं। फिर चाहे आप टहलने के लिए बाहर हों, बस की सवारी कर रहे हों, डॉक्टर के कार्यालय में प्रतीक्षा कर रहे हों या एक कठिन व्यावसायिक बैठक के बीच में होंं
सकारात्मक दृष्टिकोण बनाता है
हेल्थलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक मेडिटेशन करने से जीवन के प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण प्राप्त हो सकता है। उदाहरण के लिए 3,500 से अधिक वयस्कों को दिए गए उपचारों की एक समीक्षा में पाया गया कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन ने अवसाद के लक्षणों में सुधार किया।
मेडिटेशन करता है तनाव कम
हजारों वर्षों से मेडिटेशन का अभ्यास किया जाता रहा है। मेडिटेशन एक प्रकार की मन-शरीर की पूरक औषधि माना जाता है। यह विश्राम की एक गहरी अवस्था है, जो मन में शांति उत्पन्न करता है। इसके दौरान आप अपना ध्यान केंद्रित करते हैं और उलझे हुए ऐसे विचारों से निकलने में सफल होते हैं, जो तनाव पैदा कर रहे होते हैं। यानी मेडिटेशन तनाव से निपटने में मददगार होता है।
याददाश्त में करता है सुधार
मेडिटेशन में आपकी सोच को बेहतर बनाए रखने के साथ आपके दिमाग को युवा रखने में मदद कर सकता है। कीर्तन क्रिया मेडिटेशन की एक विधि है, जो आपके विचारों को केंद्रित करने के लिए एक मंत्र को उंगलियों की दोहराव गति के साथ जोड़ती है। बढ़ती उम्र में याददाश्त से संबंधित समस्याओं को दूर करने में मददगार होता है। सामान्य उम्र से संबंधित स्मृति हानि से लड़ने के अलावा मेडिटेशन मनोभ्रंश के रोगियों में कम से कम आंशिक रूप से स्मृति में सुधार कर सकता है।
ध्यान का आश्य अपने दिमाग में विचारों के प्रवाह को रोकना है। हालांकि यह आसान नहीं है, लेकिन कोशिश करेंगे तो कुछ ही दिनों में आप ऐसा कर सकेंगे। इसके निरंतर अभ्यास से मन को स्थिर कीजिए। अपनी गहरी, लंबी सांसों पर ध्यान लगाएं. इससे दिमाग वहां ध्यान लगाएगा और विचारों पर भी रोक लगेगी। वहीं ध्यान के दौरान शरीर को ढीला छोड़ दें। किसी भी तरह का जोर या दबाव न डालें।
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