लखनऊ। यूपी के 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के भर्ती की नई लिस्ट जारी करने के फैसले पर रोक लगाई थी। सामान्य वर्ग के चयनित अभ्यर्थियों की याचिका पर इसी मामले पर आज सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला अक्टूबर से चल रहा है।
सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने इस मामले की एक सुनवाई हुई है। इसके बाद से इस पर डेट लग रही हैं। दिवाली से पहले इस मामले में अगली तिथि 15 नवंबर को प्रस्तावित थी। लेकिन अब आज ये सुनवाई होगी। जस्टिस दीपांकर दत्ता व प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।
यूपी सरकार ने 69 हजार पदों पर शिक्षकों की भर्ती निकाली थी। इसकी परीक्षा जनवरी 2019 में हुई थी। परीक्षा के बाद कटऑफ के हिसाब से उम्मीदवारों को नौकरी दे दी गई थी। जनरल की कटऑफ 67.11 % थी, जबकि OBC की कटऑफ 66.73 % थी।
दरअसल, शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना था कि इस भर्ती में 19 हजार सीटों पर घोटाला हुआ है और इसको लेकर उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए दावा किया था कि इस भर्ती में ओबीसी को 27 फीसदी का आरक्षण मिलना चाहिए था, लेकिन उसकी जगह सिर्फ 3.86 फीसदी ही आरक्षण मिला। इसी तरह एससी कैटेगरी को 21 फीसदी का आरक्षण मिलना चाहिए था, लेकिन उसकी जगह 16.6 फीसदी ही आरक्षण मिला।
इस मामले में हाईकोर्ट और राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग में शिकायत हुई। हाईकोर्ट ने नए सिरे से लिस्ट बनाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने HC के फैसले पर रोक लगाई और इसी मामले पर सुनवाई तय है।
छात्रों का आरोप है कि OBC में कोटा 27% है, जबकि सिर्फ 3.86 फीसदी आरक्षण मिला। SC का कोटा 21 फीसदी है, जबकि 16.6 कैंडिडेट्स को नौकरी मिली।
यूपी शिक्षक भर्ती केस की टाइमलाइन क्या है?
5 दिसंबर 2018: 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती का नोटिफिकेशन जारी हुआ
6 जनवरी 2019: भर्ती परीक्षा हुई, जिसमें 4.10 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया
12 मई 2020: यूपी 69000 शिक्षक भर्ती का रिजल्ट जारी हुआ। 1.47 लाख अभ्यर्थी पास हुए। सामान्य वर्ग का कटऑफ 67.11% और OBC का कटऑफ 66.73% रहा।
मई 2020: आरक्षण के नियमों का पालन ना करने का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका दाखिल की गई।
13 मार्च 2023: सिंगल बेंच ने मेरिट लिस्ट पर पुनर्विचार करने को कहा लेकिन आरक्षण के नियमों को लेकर कुछ टिप्पणियां भी कीं।
13 अगस्त 2024: हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच का फैसला रद्द करते हुए आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया।
9 सितंबर 2024: सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ बेंच के फैसले पर रोक लगा दी।
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