- वृंदावन सहित शहर के कई थानों में हो रही गांजे की बिक्री
- साधु, युवा पीढ़ी ड्राइवर, मजदूरों में बढ़ रहा इसका चलन
- पुलिस गांजा बेचने वाले को जेल भेजकर कर रही इतिश्री
अफजाल अहमद
यूनिक समय, मथुरा। गांजा तस्करों ने जनपद को अपनी चपेट में ले लिया है। यही कारण है कि गांजा पीने वालांे की संख्या दिनों-दिन तेजी से बढ़ती जा रही है। जनपद का शायद ही कोई थाना क्षेत्र ऐसा होगा, जहां गांजा थोड़ी से मेहनत करने पर न मिल पाता हो। वृंदावन, जैंत, थाना हाइवे, कोतवाली, यमुनापार, रिफाइनरी तो ऐसे क्षेत्र हैं, जहां गांजे की बिक्री अच्छी खासी होती है। यह बात दीगर है कि पुलिस को उसकी जानकारी न हो या वह ऐसा होने का दिखावा करती हो। पुलिस गांजा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी करती है।
गांजा तस्करों का शहर के कई थाना क्षेत्रों में मकड़ जाल फैला हुआ है। सिगरेट में गांजे को भरकर पिया जा रहा है। गांजा बिक्री करने वाले एजेंट भी गांजा खरीदने वाले ग्राहकों को बखूबी पहचानते हैं। कुछ जगह तो गांजे की खरीद-फरोख्त करने वाले अपने तरह के कोड का इस्तमाल भी करते हैं। वृंदावन में तो गांजा साधुओं द्वारा चिलम में भरकर खूब चस्का लिया जाता है। हाइवे थाना क्षेत्र की कई कालोनियों और सड़क किनारे बनी दुकानों पर भी गांजा बिक रहा है। रिफाइनरी के गेट नंबर नौ पर तथा शहर के अलावा यमुनापार के लक्ष्मीनगर व राया थाना क्षेत्र में भी गांजे की बिक्री की जा रही है। युवाओं में गांजा पीने की लत जिस तेजी से घर करती जा रही है। वह समाज के लिए चिंता का विषय है।
गांजे की बिक्री रोकने के लिए पुलिस को इस तरह के एजेंटो का सहारा लेकर गांजे का बड़े स्तर पर कारोबार करने वालो तक पहुंच कर कार्रवाई करनी होगी। तब ही कहीं जाकर युवा पीढ़ी और मजदूर तबके के लोग गांजे के इस मकड़ जाल से बच सकेंगे। हाल ही में जैंत पुलिस ने नगला पिसावा कट से गांव कलेपुरा थाना चौबिया जनपद इटावा को दो किलो सात सौ ग्राम गाजे के साथ गिरफ्तार कर एनडीपीएस एक्ट में जेल भेजा है। पुलिस इस तरह गांजा बिक्री करने वाले छोटे-छोटे तस्करों को जेल भेज कर इतिश्री कर रही है, लेकिन जबतक गांजा बिक्री कराने वाला मुखिया कौन है ? इसकी जानकारी कर कड़ी कार्रवाई नहीं करेगी तब तक इस कारोबार पर अंकुश नहीं लग पाना बड़ा मुश्किल होगा।
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