नई दिल्ली। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते आपराधिक मामलों को देखते हुए गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें मंत्रालय ने महिला अपराध के मामलों में पुलिस की कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है। ऐसे मामलों में सही तरीके से काम करने और मामलों में लापरवाही न बरतने का दिशा-निर्देश दिया गया है। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान व कुछ अन्य राज्यों में महिलाओं के खिलाख हालिया घटनाओं के मद्देनजर ऐसा किया गया है।
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बता दें कि भारत सरकार की तरफ से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के समय सयम पर महिला अपराधों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए जाते हैं। दुष्कर्म के मामलों में जल्द एफआइआर दर्ज करने, सबूत जुटाने और समय पर फॉरेंसिक जांच करने का निर्देश है। मंत्रालय ने कहा है कि महिला के खिलाफ अपराध यदि थाने के अधिकार क्षेत्र के बाहर हुआ है तो उस स्थिति में जीरो एफआइआर दर्ज की जाए।
Ministry of Home Affairs issues advisory to States and Union Territories for ensuring mandatory action by police in cases of crime against women. pic.twitter.com/dx1sQmzXLW
— ANI (@ANI) October 10, 2020
दिशा-निर्देशों में साफ कहा गया है कि अगर महिलाओं के खिलाफ अपराधों में अगर कोई चूक होती है तो मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। भारतीय दंड संहिता की धारा 166 (A) FIR दर्ज न करने की स्थिति में पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की इजाज़त देता है। सीआरपीसी की धारा 173 के तहत दुष्कर्म के मामले में 2 महीने के भीतर जांच पूरी करना ज़रूरी है।
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