एसआईटी ने तेल मालिश का वीडियो स्वामी चिन्मयानंद को दिखाया तो उन्होंने अपना गुनाह कुबूल कर लिया और कहा कि अपने किए पर वह शर्मिंदा हूं। एसआईटी के प्रमुख आईजी नवीन अरोड़ा ने बताया कि बयानों और साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की गई है। आईजी ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम को उन्हें वह पेन ड्राइव भी मिल गई जिसमें कुछ वीडियो थे। पूरी टीम ने सारे वीडियो देखे और संबंधित लोगों से सवाल-जवाब किए।
तेल मालिश वाला वीडियो स्वामी चिन्मयानंद को दिखाकर उनसे पूछा गया कि इसमें जो शख्स दिखाई दे रहा है क्या वह हैं, इस पर स्वामी ने स्वीकार करते हुए कहा कि वह अपने किए पर शर्मिंदा हैं। उन्होंने बताया कि स्वामी चिन्मयानंद उर्फ कृष्णपाल सिंह पुत्र भुवनेश्वरी सिंह निवासी त्योराशि थाना परसपुर गोंडा पर धारा 376 सी, 354 डी, 342, 506 के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया।
छात्रा के दोस्त ने भी रंगदारी मांगने की बात कबूली
एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा ने कहा कि स्वामी चिन्मयानंद से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में बयानों और साक्ष्यों के आधार पर तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई है। छात्रा के दोस्त संजय आदि को वीडियो दिखाकर पूछा गया जिसमें रंगदारी मांगे जाने की स्वीकारोक्ति हो रही है और होटल में खाना खाने का वीडियो भी दिखाया गया तो संजय आदि ने भी इसे स्वीकार कर लिया।
रंगदारी मांगने के मामले में नाम उजागर होने पर थाना तिलहर के गांव बंथरा निवासी संजय सिंह, गाजियाबाद के 301 रिजेंट ब्लॉक सुपरटेक स्टेट सेक्टर-9 कौशाम्बी निवासी सचिन सेंगर उर्फ सोनू व मिस-ए (पीड़ित छात्रा) के खिलाफ धारा 385, 506, 201, 35 व 67 ए आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए संजय, सचिन, विक्रम को गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें कि चौक कोतवाली पुलिस ने 27 अगस्त को स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ पीड़ित छात्रा के पिता की ओर से अपहरण और जान से मारने की धमकी की रिपोर्ट दर्ज की थी। स्वामी से रंगदारी मांगे जाने के मामले की रिपोर्ट स्वामी के वकील ओम सिंह की ओर से 25 अगस्त को अज्ञात में दर्ज की थी। इन्हीं दोनों मामलों की विवेचना एसआईटी कर रही है।
एसआईटी ने इस तरह जुटाए साक्ष्य
एसआईटी ने संबंधित लोगों के बयान लेने के साथ ही कॉलेज के हॉस्टल, घटनास्थल, एसएस लॉ कॉलेज, पीड़िता के घर आदि का निरीक्षण किया और विभिन्न संस्थानों, बैंकों से संबंधित जानकारियां लीं। दोनों घटनाओं में शामिल लोगों की लोकेशन, मौजूदगी, मोबाइल कॉल डिटेल, वाहनों की आवाजाही, टोल टैक्स बैरियर से जानकारी, रुकने के स्थानों से साक्ष्य और मोबाइल कंपनियों का डाटा, कॉलेज व बैंक के अभिलेख व अन्य जानकारियां कर संबंधितों पर कार्रवाई की।
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