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यूनिक समय, कोसीकलां। शुक्रवार का दिन। सायं का वक्त। पति अपनी पत्नी के लिए जिंदगी की भीख मांग रहा था, लेकिन किसी डॉक्टर को तरस नहीं आ रहा था। एक ने नहीं, दो ने नहीं बल्कि तीसरे हास्पीटल ने भर्ती करने से इंकार कर दिया। पत्नी सांस लेने के लिए आक्सीजन को तरस रही थी। पत्नी की हालत देखकर पति गिड़गिड़ाता था।
यह नजारा था आर्य नगर वाली गली का। भगवती रोड के रहने वाले राजेश की पत्नी ज्योति की यकायक तवियत खराब हो गई। सांस लेने में दिक्कत होने लगी। राजेश अपनी पत्नी को लेकर आर्य नगर स्थित कई हास्पीटलों में लेकर पहुंचा। हास्पीटल के दरवाजों पर ज्योति की हालात देखकर स्टाफ ने भर्ती करने से इंकार कर दिया। हास्पीटलों के डाक्टर्स और कर्मचारियों के बर्ताव देखकर पति कभी पत्नी की ओर देखता तो कभी आसमान की ओर। आक्सीजन के लिए गिड़गिड़ाता रहा। खबर लिखे जाने के समय तक ज्योति सांसों के लिए जिंदगी के लिए जंग करती देखी गई। इस घटना ने सरकार और प्रशासन के दावों को पोल खोल दी।
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