उत्तर प्रदेश के नोएडा के जेवर में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट को विमानन कंपनियों की वैश्विक संस्था IATA ने तीन अक्षरों वाले कोडनेम का आवंटन कर दिया है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने जेवर में बन रहे नोएडा के इंटरनेशनल एयरपोर्ट को तीन अक्षरों वाला कोड ‘डीएक्सएन’ (DXN) दिया है। इसी कोड से एयरलाइन की बुकिंग की जाती है। IATA के ओर से कोडनेम मिलने के बाद जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अब अंतरराष्ट्रीय विमानन मानचित्र में जगह मिल गई है।
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन सभी एयरपोर्ट को यह कोड देता है। तीन अक्षरों वाला DXN ही अब नोएडा इंरनेशनल एयरपोर्ट का स्थायी पिन कोड हो गया है। 2024 के अंत तक इस एरपोर्ट से यात्रा करने वाले यात्री DXN कोड के जरिए एयरपोर्ट पर अलग-अलग प्लेटफॉर्मों की पहचान आसानी से कर सकेंगे। एयरपोर्ट का संचालन शुरू होते ही यह कोड भी एक्टिव हो जाएगा।
हवाई अड्डे की मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) किरण जैन ने बयान में कहा कि इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए ‘डीएक्सएन’ कोडनेम आवंटित किया है। दुनियाभर में करीब 300 एयरलाइंस का प्रतिनिधित्व करने वाला IATA किसी एयरपोर्ट की विशिष्ट पहचान को सुनिश्चित करने के लिए तीन अक्षर का कोडनेम जारी करता है। इस कोडनेम से उड़ानों के परिचालन एवं मार्ग निर्धारण में सहूलियत होती है।
नोएडा एयरपोर्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) क्रिस्टॉफ श्नेलमैन ने कहा कि डीएक्सएन का कोडनेम इस एयरपोर्ट की दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं नोएडा के साथ नजदीकी को दिखाता करता है। IATA से जुड़ी एयरलाइंस दुनिया के कुल हवाई यातायात के करीब 83 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करती है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का परिचालन शुरू होने पर दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का बोझ कम करने और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को सहूलियत मिलने की उम्मीद है।
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