
छापों, सैंपल एवं कार्रवाई के बाद भी मिलावट का धंधा बंद नहीं हो रहा है। सैंपल फेल होने के बाद में विभाग कारोबारी का एक लाइसेंस निरस्त करता है तो कारोबारी परिवार के अन्य सदस्य के नाम पर नया लाइसेंस लेकर फिर से मिलावट का धंधा शुरू कर देता है, लेकिन अब मिलावट पर सरकार का रुख सख्त हो रहा है। सरकार मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने जा रही है।
बीते दिनों शासन स्तर से खाद्य सुरक्षा एवं औषध प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मिलावटखोरों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो। अगर किसी कारोबारी का दूसरी बार सैंपल फेल आता है तो उसके परिवार के भी किसी सदस्य के नाम से लाइसेंस जारी नहीं होना चाहिए। सरकार के इस आदेश का असर जिले के भी कई मिलावटखोरों पर पड़ना तय है। जिले में कई ऐसे कारोबारी हैं, जिनके एक से ज्यादा बार सैंपल फेल हो चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी इनके द्वारा किसी न किसी फर्म पर धंधा जारी रखा है।
कई कारोबारी होंगे प्रभावित
टूंडला में बीते दिनों विभाग ने एक दूध की डेयरी पर सिंथेटिक दूध बनाने की सामग्री पकड़ी थी। इस डेयरी से पूर्व में भी भरे गए सैंपल फेल हुए थे। वहीं शिकोहाबाद में भी एक कारोबारी के यहां बीते दिनों सैंपल भरने पर काफी विवाद हुआ था। इस कारोबारी के भी पूर्व में सैंपल फेल हुए थे। जिले में ऐसे कई कारोबारी हैं जो एक से ज्यादा बार सैंपल फेल होने के बाद भी किसी न किसी फर्म पर कारोबार कर रहे हैं।
जेल भी भेजने के दिए हैं आदेश
बीते दिनों हुई बैठक में यह भी निर्देश दिए हैं कि अगर फिर से किसी के उत्पाद में मिलावट पाई जाती है तो लाइसेंस को खत्म करने के साथ में उसे जेल भेजा जाए।
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