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महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के लिए बहुत कम समय बचा है। सरकार बनाने के लिए शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी दोनो अपनी-अपनी शर्तों पर अड़ी है। न तो शिवसेना और न ही बीजेपी की ओर से सुलह के कोई आसार दिख रहे हैं। विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही दोनों पार्टियों में कुर्सी के लिए खिंचतान जारी है वहीं कांग्रेस और एनसीपी (NCP ) ने भी शिवसेना को समर्थन देने से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। अब कहा जा रहा है कि भाजपा को नसीहत दी गई है कि महाराष्ट्र में वे बिना शिवसेना के सरकार बनाने की सोचे भी नहीं, नहीं तो परिणाम अच्छा नहीं होगा।
शिवसेना के साथ ही बनाएं भाजपा सरकार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने बीजेपी को आगाह किया है कि वे शिवसेना के साथ ही सरकार बनाएं। सीएम फडणवीस और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाक़ात के दौरान नागपुर में संघ मुख्यालय में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि वे शिवसेना के साथ ही सरकार बनाएं। कहा जा रहा है कि मोहन भागवत ने फडणवीस को स्पष्ट रूप से कहा कि अगर शिवसेना एनसीपी-कांग्रेस से समर्थन हासिल कर रही है, तो उन्हें उन्हें आगे बढ़कर सरकार बनाने देना चाहिए। विपक्ष में बैठकर लोगों की सेवा करने के लिए तैयार रहें, लेकिन विधायकों की खरीद-फरोख्त जैसी अपवित्र राजनीति में किसी भी प्रकार से शामिल न हों।
बताया जा रहा है कि मोहन भागवत ने नसीहत देते हुए कहा कि इस तरह की राजनीति लंबे समय तक पार्टी के हित में नहीं है। इसके पहले शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने मोहन भागवत को पत्र लिखकर उनसे बीजेपी और शिवसेना के बीच सत्ता के बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान में हस्तक्षेप करने को कहा था। इसके साथ ही कहा था कि महाराष्ट्र में जल्द सरकार बनाने के लिए बीजेपी को आदेश दें। चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत हासिल हुई है। चुनाव परिणाम आने के बाद से ही शिवसेना इस बात पर अड़ी है कि मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से बनाया जाए। वहीं बीजेपी शिवसेना कि इस शर्त को मानने से लगातार इनकार कर रही है।
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