यूनिक समय, मथुरा। ज्योतिष शास्त्र में कई तरह के दोषों के बारे में बताया गया है। पितृ दोष भी इनमें से एक है। जिसकी कुंडली में पितृ दोष होता है, उसे अपनी लाइफ में कदम-कदम पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पितृ दोष के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए श्राद्ध पक्ष के दौरान कुछ खास उपाय करने चाहिए। इस बार श्राद्ध पक्ष 25 सितंबर तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं.अजय कुमार तैलंग के अनुसार, श्राद्ध पक्ष में यदि कुछ खास पौधे लगाएं जाएं तो इससे भी पितृ प्रसन्न होते हैं। आगे जानिए श्राद्ध पक्ष के दौरान कौन-कौन से पौधे लगाने से पितृ दोष से बचा जा सकता है…
पीपल की पूजा से संतुष्ट होते हैं पितृ
हिंदू धर्म में अनेक अवसरों पर पीपल वृक्ष की की पूजा भी की जाती है। पुराणों के अनुसार, इस पेड़ में पितरों का स्थान होता है। इसलिए श्राद्ध पक्ष के दौरान रोज पीपल पर जल चढ़ना चाहिए। श्राद्ध के दौरान पीपल का पौधा लगाने से हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है और पितृ भी प्रसन्न होते हैं।
भगवान विष्णु को प्रिय है तुलसी
तुलसी को हिंदू धर्म में सबसे अधिक पूजनीय माना गया है। इसके पत्तों के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है।
श्राद्ध कर्म में भी तुलसी के पत्तों का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है, धर्म ग्रंथों के अनुसार, ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। श्राद्ध पक्ष के दौरान तुलसी का पौधा लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है और इससे पितृ दोष का अशुभ प्रभाव भी कम होता है।
बिल्व वृक्ष में है देवताओं का वास
धर्म ग्रंथों के अनुसार बिल्व वृक्ष में कई देवताओं का वास माना गया है। भगवान शिव की पूजा में बिल्व के पत्तों का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है।
इस वृक्ष में देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का वास भी माना गया है। श्राद्ध पक्ष के दौरान बिल्व का पौधा लगाने से पितृ देवता प्रसन्न होते हैं।
पूजनीय है बरगद का पेड़
शास्त्रों में बरगद के वृक्ष को पूजनीय माना गया है। कई व्रत-त्योहारों के मौके पर बरगद की पूजा की जाती है। एक कथा के अनुसार, बरगद के पेड़ को ही साक्षी मानकर माता सीता ने राजा दशरथ के लिए पिंडदान किया था। बरगद पर जल चढ़ाकर इसकी परिक्रमा करने से पितर प्रसन्न होते हैं। श्राद्ध पक्ष के दौरान बरगद का पौधा रोपने से पितृ देवता प्रसन्न होते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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