Hacking इंटरनेट और स्मार्टफोन यूसेज का एक बहुत बड़ा और खतरनाक ड्रॉबैक है. हैकर्स ने अटैक करने के कई रास्ते खोज लिए हैं जिनमें से एक स्मार्टफोन ऐप्स है. समर्टफोन ऐप्स के सिक्योरिटी ब्रीच के जरिए हैकर्स आसानी से यूजर्स के पर्सनल डेटा को चुरा लेते हैं और फिर उसी जानकारी के जरिए बैंक अकाउंट्स तक से पैसे निकाल लेते हैं. बता दें कि इस समय हैकर्स का हथियार वीडियो कॉलिंग ऐप जूम (Zoom) है. बता दें कि जूम के जरिए स्पैमर्स यूजर्स को लूट रहे हैं और इस बात को लेकर खद भारत सरकार ने चेतावनी दी है. आइए डिटेल में जानते हैं कि जूम ऐप यूजर्स को हैकर्स से क्या खतरा है, सरकार ने इस बारे में क्या कहा है और इससे किस तरह बचा जा सकता है..
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर आप जूम ऐप (Zoom App) का इस्तेमाल करते हैं तो आपको खतरा है. इस प्लेटफॉर्म पर कई सिक्योरिटी फ्लॉ देखे गए हैं जिनमें जूम खुद हैकर्स को अनुमति दे रहा है कि वो मीटिंग में जुड़ सकें और इस बात की जानकारी मीटिंग के बाकी पार्टिसिपेन्ट्स को नहीं लगेगी. ये जानकारी Indian Computer Emergency Response Team (CERT-In) से मिली है.
बता दें कि ब्रीच अगर सफल हुआ तो हैकर्स मीटिंग्स के ऑडियो और वीडियो फीड्स कोले सकते हैं और इन कॉल्स के दौरान शेयर हुई सेन्सिटिव जानकारी को भी एक्सेस कर सकेंगे. बता दें कि Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY) ने हैकर्स के इस थ्रेट लेवल को ‘मीडियम’ केटेगरी में डाला है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार और जूम (Zoom) ऐप का यह कहना है कि कुल मिलाकर तीन वल्नरबिलिटीज मिली हैं, जिनके नाम CVE-2022-28758, CVE-2022-28759 और CVE-2022-28760 हैं और ये ऐप के ऑन-प्रेमाइस मीटिंग कनेक्टर एमएमआर को प्रभावित करते हैं. बता दें कि जहां सरकार ने इस बारे में चेतावनी 19 सितंबर, 2022 को दी जबकि ऐप की तरफ से वार्निंग 13 सितंबर, 2022 को आई थी.
अगर आप सुरक्षित रहना चाहते हैं और हैकर्स से बचना चाहते हैं तो सरकार का यह सुझाव है कि यूजर्स डेस्कटॉप पर जूम ऐप को तुरंत अपडेट कर दें. अगर आप इस ऐप का इस्तेमाल अपने मोबाइल पर करते हैं तो वहां भी ऐप को लेटेस्ट वर्जन पर अपडेट कर लें. जूम के साथ-साथ सरकार ने कहा है कि यूजर्स अपना गूगल क्रोम (Google Chrome) ब्राउजर भी अपडेट कर लें.
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