
यूनिक समय, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक वीवीआईपी इलाके में सरकारी मकानों के अंदर दो अवैध मजारों का मामला सामने आया है, जिसने विवाद को जन्म दे दिया है। हिंदू संगठनों ने इन मजारों को लेकर विरोध जताते हुए प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है और लैंड जिहाद का आरोप लगाया है।
यह घटना राजधानी भोपाल के 1250 क्वार्टर इलाके की है, जो सरकारी अधिकारियों के आवासों के रूप में इस्तेमाल होता है। यहां के सरकारी मकानों के आंगन में दो कब्रनुमा मजारें पाई गईं, जिनका निर्माण कई साल पहले हुआ था। स्थानीय निवासियों का कहना है कि ये मजारें उस समय बनाई गई थीं जब यहां एक मुस्लिम कर्मचारी के परिवार को मकान आवंटित किया गया था।
हिंदू संगठनों का आरोप है कि सरकारी अधिकारियों के नाक के नीचे यह अवैध मजारें बनाई गईं और प्रशासन इस मुद्दे को नजरअंदाज करता रहा। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सरकारी जमीन पर मजार कैसे बनाई गई, जबकि यह इलाका वीवीआईपी क्षेत्र है।
इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश सारंगी ने बयान दिया है कि यह मामला गंभीर है और इसकी जांच एसडीएम द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर यह मजारें बाद में बनी हैं, तो यह एक आपत्तिजनक कदम होगा। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि लैंड जिहाद के खिलाफ सरकार पहले भी सख्त कार्रवाई कर चुकी है, और इस मामले में भी कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
मंत्री ने यह भी कहा कि यह मकान 50 से 100 साल पुराने हैं, और यदि मजारें पहले से थीं, तो इनके पास सरकारी आवासों का निर्माण कैसे किया गया। प्रशासन जल्द ही इस मामले की जांच करेगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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