
यूनिक समय, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में करणी सेना द्वारा आयोजित ‘रक्त स्वाभिमान सम्मेलन’ के दौरान कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने मंच से खुलेआम तलवारें व डंडे लहराते हुए राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ उग्र भाषण दिए और उन्हें चेतावनी भरे अंदाज़ में “उनकी ही भाषा में जवाब देने” की धमकी दी।
इस आयोजन के दौरान कई पदाधिकारियों ने हाथों में हथियार लेकर शक्ति प्रदर्शन किया, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। मौके पर जैसे ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे, भीड़ ने और अधिक आक्रोशित होते हुए उनके सामने ही नारेबाजी और तलवारें लहराना शुरू कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, कार्यक्रम स्थल पर एडिशनल कमिश्नर के नेतृत्व में अधिकारी पहुंचे थे, लेकिन स्थिति बिगड़ती देख पुलिस को कुछ देर के लिए पीछे हटना पड़ा। करणी सेना का यह प्रदर्शन सांसद सुमन द्वारा राज्यसभा में दिए गए एक कथित बयान के विरोध में था, जिसे क्षत्रिय समाज ने अपमानजनक बताया है।
इस मुद्दे पर सांसद सुमन का कहना है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। वहीं समाजवादी पार्टी और दलित संगठनों ने इस पूरे घटनाक्रम को जानबूझकर किया गया राजनीतिक और जातीय ध्रुवीकरण बताया है।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन इस पूरे मामले में किस तरह की कानूनी कार्रवाई करता है। फिलहाल मामले की जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन करणी सेना की यह रैली प्रदेश की राजनीति में नया उबाल ला चुकी है।
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