
यूनिक समय, नई दिल्ली। प्रयागराज महाकुंभ में, श्री चित्रगुप्त अखाड़ा श्री चित्रगुप्त पीठ संत महासभा ने एक भव्य सामूहिक अमृत स्नान और पटाभिषेक समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर, श्री चित्रगुप्त अखाड़ा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज और अखाड़ा के महामंत्री चित्रगुप्त पीठ वृंदावन के पीठाधीश्वर स्वामी सच्चिदानंद महाराज के साथ-साथ देश-विदेश से आए संत महात्मा और श्रद्धालु उपस्थित थे।
समारोह की शुरुआत चित्रगुप्त अखाड़े के शिविर से हुई, जहाँ से धर्म ध्वजा लेकर संगम तट तक पदयात्रा की गई। संगम तट पर सामूहिक अमृत स्नान के बाद, विभिन्न क्षेत्रों से आए संत समाज ने श्री चित्रगुप्त अखाड़े की सदस्यता ग्रहण की।
इस अवसर पर, स्वामी चक्रपाणि महाराज को सनातन सम्राट और स्वामी सच्चिदानंद महाराज को श्री श्री 1008 जगतगुरु चित्रगुप्ताचार्य की उपाधि से विभूषित किया गया। इसके अतिरिक्त, श्री महंत सुरेशानंद को महामंडलेश्वर, श्री श्री 1008 डॉ तरसूत मनु श्री सिद्धनाथ महाराज को महामंडलेश्वर, शिवानंद महाराज को महामंडलेश्वर, श्री महंत मनोजानंद को मंडलेश्वर, पिंगाक्ष महाराज और डॉ. गोविंद नारायण को श्री महंत, अजय सक्सेना को सहसचिव, और मनोज सक्सेना को सहसचिव की उपाधि प्रदान की गई।
साध्वी विश्वरूपा, साध्वी कंचन, स्वामी रामाचार्य जी, श्री रघुनाथ दास आचार्य, श्री कान्हा, डॉ. स्वामी राजेश्वरानंद और हरिओमानंद आदि संतों को आचार्य महामंडलेश्वर, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर और श्री महंत की उपाधियों से सम्मानित किया गया। यह समारोह संत समाज के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था, जिसमें धर्म और आध्यात्मिकता के प्रति समर्पण और सेवा को सम्मानित किया गया।
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