नई दिल्ली। अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है. इसके साथ अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत पर एक और आतंकवादी हमला ‘बहुत अधिक समस्या खड़ा करने वाला’ होगा.
व्हाइट हाउस में एक सीनियर अधिकारी ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, ‘पाकिस्तान को आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस और निरंतर कार्रवाई करने की आवश्यकता है. क्षेत्र में फिर तनाव की स्थिति पैदा न हो इसके लिए खासतौर पर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता है.’
नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, ‘अगर पाकिस्तान आतंकवादियों पर कार्रवाई नहीं करता है और भारत पर एक और हमला होता है तो यह पाकिस्तान के लिए बड़ी समस्या खड़ी करने वाला होगा जो दोनों देशों के बीच तनाव की वजह बनेगा और दोनों के लिए खतरनाक होगा.’
भारत द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा आतंकी संगठनों के खिलाफ ‘अपरिवर्तनीय एवं अनवरत’ कार्रवाई की जरूरत है. अधिकारी ने कहा कि पूर्ण मूल्यांकन करना अभी जल्दीबाजी होगी.
अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान ने हाल के दिनों में कुछ कार्रवाई की हैं. कुछ आतंकी संगठनों की संपत्तियों को जब्त कर दिया गया है और कुछ गिरफ्तारियां की हैं. जैश-ए-मोहम्मद की भी कुछ सुविधाओं को नियंत्रण में लिया गया है. हालांकि उन्होंने आगे जोड़ा कि वे अभी और बड़ी कार्रवाई देखना चाहते हैं.
अधिकारी ने कहा, ‘हमें अपरिवर्तनीय कार्रवाई देखने की आवश्यकता है, क्योंकि अतीत में हमने देखा कि पहले कुछ गिरफ्तारियां हुई और फिर कुछ महीने बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. कभी-कभी आतंकी नेताओं को देश में यात्रा करने और रैली करने की अनुमति दी जाती है.’
अधिकारी ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ काम कर रहा है. यह देखते हुए कि पाकिस्तान की आर्थिक चिंताए भी हैं. उन्होंने कहा कि FATF एक ऐसा क्षेत्र है जो आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने की उनकी जरूरत को दर्शाता है. अन्यथा वे सिस्टम के अंदर खतरे में हैं.
पाकिस्तान को यह तय करने की आवश्यकता है कि वह खुद को जिम्मेदार ग्लोबल प्लेयर के तौर पर देखना चाहता है, जहां सभी वित्तीय तंत्रों तक उसकी पहुंच है या फिर आतंकी संगठनों के खिलाफ कदम उठाने में विफल रहने पर खुद को अलग-थलग देखना चाहता है. अधिकारी ने कहा विकल्प पाकिस्तान को चुनना है.
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि भले ही दोनों देशों के बीच तनाव कम हो गया है, लेकिन दोनों देशों की सेना अब भी हाई अलर्ट पर है. अधिकारी ने कहा, “इसलिए हमें लगता है कि अगर फिर कोई आतंकवादी हमला होता है, भगवान न करे कि हो, तो आप फिर तनाव में वृद्धि देख सकते हैं. इसलिए हम स्पष्ट कर रहे हैं कि दोनों देशों द्वारा किसी तरह की अतिरिक्त सैन्य कार्रवाई दोनों देशों और क्षेत्र के लिए अस्वीकार्य रूप से उच्च जोखिम है.
अधिकारी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने आतंकवाद के सुरक्षित पनाहगाह के मुद्दे पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई है.
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