कनाडा के टोरंटो में खालिस्तान समर्थक रैली के खिलाफ बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के सदस्य भी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के साथ मौके पर जमा हो गए. इससे दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर खींचने का अलगाववादियों की मंसूबा पूरी तरह विफल हो गया. महज मुट्ठी भर खालिस्तान समर्थकों का विरोध प्रदर्शन बहुत नीरस साबित हुआ. दूसरी ओर भारतीय समर्थक बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए और पूरे जोश के साथ भारत का जमकर सपोर्ट किया. महज मामूली संख्या में खालिस्तान समर्थक टोरंटो में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर जुट सके थे. उनकी तुलना में भारत समर्थक भारतीय समुदाय के लोगों की संख्या बहुत अधिक थी.
भारत समर्थकों ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराया और भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम’ और ‘जय हिंद’ जैसे नारे लगाए. खालिस्तानी समूह के पास सिख्स फॉर जस्टिस के नेता हरदीप सिंह निज्जर के पोस्टर थे, जिसकी 18 जून को ब्रिटेन में हत्या कर दी गई थी. इस महीने की शुरुआत में ‘खालिस्तान स्वतंत्रता रैली’ के पोस्टर में ओटावा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और टोरंटो में महावाणिज्य दूत अपूर्व श्रीवास्तव को खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर के ‘हत्यारे’ कहा गया था. इससे पूरे भारत में आक्रोश फैल गया था.
कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर चरमपंथी, आतंकवादी तत्वों को कोई जगह नहीं दी जानी चाहिए. वहीं कनाडा, ब्रिटेन और अन्य जगहों पर भारतीय राजनयिकों को धमकी देने वाले पोस्टरों पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय राजनयिकों, मिशन की सुरक्षा सरकार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. भारत पहले ही कनाडा के उच्चायुक्त को तलब करके कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर एक ‘डिमार्शे’ (आपत्ति जताने वाला पत्र) जारी कर चुका है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि ‘चरमपंथी, अतिवादी’ खालिस्तानी सोच भारत या अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे सहयोगी देशों के लिए ठीक नहीं है. जयशंकर ने कहा कि कनाडा में हाल में एक रैली के दौरान खालिस्तान समर्थक पोस्टर प्रदर्शित किए जाने का मुद्दा उठाया जाएगा.
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