टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर देशभर में शोक की लहर फैल गई है। 86 वर्षीय रतन टाटा का देर रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
रतन टाटा के निधन पर महाराष्ट्र और झारखंड सरकार ने एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। रतन टाटा के सम्मान में दोनों राज्य सरकारों ने राजकीय शोक का ऐलान किया है। इस दौरान सरकारी दफ्तरों में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे और किसी भी तरह के मनोरंजन के कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा। महाराष्ट्र के सीएम शिंदे ने रतन टाटा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान से किए जाने का निर्देश दिया है।
एकनाथ शिंदे ने रतन टाटा को नैतिकता और उद्यमशीलता का अपूर्व और आदर्श संगम बताया। उन्होंने कहा कि लगभग 150 वर्षों की उत्कृष्टता और अखंडता की परंपरा वाले टाटा ग्रुप की कमान सफलतापूर्वक संभालने वाले रतनजी टाटा एक जीवित किवदंती थे। उन्होंने समय-समय पर जिस निर्णय क्षमता और मानसिक दृढ़ता का परिचय दिया,उससे टाटा समूह एक अलग औद्योगिक ऊंचाइयों पर पहुंचा। मैं,उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
वहीं झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “झारखंड जैसे पिछड़े राज्य को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने वाले टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन और पद्म विभूषण रतन टाटा जी के निधन पर एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की गई है।
मशहूर उद्योगपति रतन टाटा 86 साल के थे। 28 दिसंबर 1937 को उनका जन्म हुआ था। वे 1991 से 2021 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे। इस दौरान उन्होंने बिजनेस सेक्टर में कई कीर्तिमान स्थापित करते हुए देश के सबसे पुराने कारोबारी घरानों में से एक टाटा को नई बुलंदियों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
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