
यूनिक समय, नई दिल्ली। बेंगलुरु के निवासियों को इस साल एक और झटका लगा है। दूध, दही, बिजली और पेट्रोल-डीजल के बाद अब पानी की कीमतों में भी इजाफा कर दिया गया है। कर्नाटक सरकार ने 11 साल बाद पानी के टैरिफ में संशोधन किया है, जो आज (10 अप्रैल 2025) से लागू हो गया है। इसका असर मई में आने वाले पानी के बिल पर दिखेगा।
बैंगलोर जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (BWSSB) ने नई स्लैब आधारित दरों की घोषणा की है। पानी की दरों में यह वृद्धि मुख्य रूप से अधिक खपत को नियंत्रित करने के उद्देश्य से की गई है। BWSSB के अध्यक्ष डॉ. राम प्रसाद मनोहर के अनुसार, आवश्यक खपत के लिए पानी की दरें किफायती रखी गई हैं, जबकि अधिक उपयोग पर दरें बढ़ा दी गई हैं।
घरेलू उपयोग के लिए नई दरें
- 0–8,000 लीटर/माह: ₹0.15 प्रति लीटर
- 8,001–25,000 लीटर/माह: ₹0.40 प्रति लीटर
- 25,001–50,000 लीटर/माह: ₹0.80 प्रति लीटर
- 50,000 लीटर से अधिक (1 लाख लीटर तक): ₹1.00 प्रति लीटर
बड़े अपार्टमेंट के लिए नई दरें
- 0–2 लाख लीटर/माह: ₹0.30 प्रति लीटर
- 2–5 लाख लीटर/माह: ₹0.60 प्रति लीटर
- 5–10 लाख लीटर/माह: ₹1.00 प्रति लीटर
बेंगलुरु में इस साल कई आवश्यक सेवाओं और वस्तुओं की कीमतों में इजाफा हुआ है, जिससे आम आदमी की जेब पर असर पड़ा है।
- दूध और दही: 1 अप्रैल से नंदिनी ब्रांड ने दरें ₹4 प्रति लीटर बढ़ा दी हैं।
- BMTC बस किराया: जनवरी में 15% की वृद्धि हुई, अब दैनिक पास ₹80 और मासिक पास ₹1,200 का हो गया है।
- कचरा कर (BBMP): अब संपत्ति कर में अलग से कचरा शुल्क जोड़ा गया है, जो भवन के क्षेत्रफल पर निर्भर करता है। यह ₹10 से ₹400 प्रति माह तक है।
- टोल दरें: 1 अप्रैल से बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे और NH-7 समेत अन्य रूट्स पर टोल में 5% की वृद्धि की गई है।
- ईंधन: पेट्रोल की कीमत ₹102.84 और डीजल ₹88.95 प्रति लीटर पहुंच गई है।
- बिजली: फिक्स्ड चार्ज में ₹100 प्रति किलोवाट की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पहले ही सरचार्ज और यूनिट दरों में बदलाव किया जा चुका है।
- शिक्षा: प्रोफेशनल कॉलेजों की फीस में 10% की वृद्धि हुई है।
- वाहन पंजीकरण: नए मोटर वाहन नियमों के तहत दोपहिया वाहनों पर ₹500 और चार पहिया वाहनों पर ₹1,000 अतिरिक्त शुल्क जोड़ा गया है।
बेंगलुरु पहले से ही देश के सबसे महंगे शहरों में गिना जाता है, और इस साल विभिन्न सेवाओं और वस्तुओं की दरों में हुई बढ़ोतरी से यहां रहना और भी महंगा हो गया है। महंगाई की यह लहर आम लोगों के बजट को तगड़ा झटका दे रही है।
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