नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी के साथ ओडिशा में पुरी यात्रा के दौरान जगन्नाथ मंदिर के कुछ सेवकों द्वारा अनुचित व्यवहार का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब भुवनेश्वर जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच कराने का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि 18 मार्च को राष्ट्रपति और उनकी पत्नी मंदिर दर्शन के लिए आए थे।
राष्ट्रपति के कड़े सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए कुछ सेवक वीवीआईपी कपल के पास पहुंच गए। इन सेवकों ने कथित रूप से उन्हें धक्का दिया और कोहनी भी मारी थी। इससे राष्ट्रपति और उनकी पत्नी को काफी परेशानी हुई थी।
इस मामले में 19 मार्च को राष्ट्रपति भवन से एक सख्त नोटिस जारी किया गया और इसमें उन कारसेवकों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया जिन्होंने राष्ट्रपति और उनकी पत्नी के साथ अनुचित व्यवहार किया। इस नोटिस के बाद 20 मार्च को श्री जगन्नाथ मंदिर एडमिनिस्ट्रेशन ने बैठक की और उसके मिनट्स तैयार किए। यह मिनट्स जब हमारे सहयोगी अखबार के संवाददाता को मिले तब मामला सामने आया।उधर, मंदिर के मुख्य प्रशासक और आईएएस अधिकारी प्रदिप्ता कुमार महापात्रा ने इस मामले को ज्यादा तूल नहीं देने की कोशिश की और घटना का पूरा विवरण देने से इनकार कर दिया। उन्होंने यह बात स्वीकार की, ‘हमें राष्ट्रपति के कार्यालय से पत्र मिला है। हमने इस मामले पर मंदिर प्रबंधन समिति से विचार-विमर्श किया है। हम इस मामले की जांच कर रहे हैं।’महापात्रा ने इस बात का खंडन किया कि राष्ट्रपति और उनकी पत्नी के साथ दुर्व्यवहार हुआ। उधर, मंदिर सूत्रों ने बताया कि कुछ सेवकों ने कथित रूप से राष्ट्रपति कोविंद का रास्ता ब्लॉक कर दिया था। उस समय राष्ट्रपति गर्भगृह के अंदर पूजा करने जा रहे थे। मंदिर प्रशासन ने दोषी सेवकों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
राज्यसभा सांसद और बीजेडी के प्रवक्ता प्रताप केशरी देब ने बताया कि राष्ट्रपति और उनकी पत्नी के साथ हुए अनुचित व्यवहार के आरोपों की जांच जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है। मंदिर प्रशासन भी अपने स्तर से घटना की जांच करा रहा है।
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