आरक्षण आंदोलन के चलते इंटरनेट 24 घंटे के लिए बंद, भरतपुर में आगरा-जयपुर हाईवे पर जुटे लोग

Agra-Jaipur highway

ऱाजस्थान में सैनी, माली, कुशवाहा और मौर्य 12 प्रतिशत अलग आरक्षण की मांग कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर उन्होंने आंदोलन शुरू कर दिया है और शुक्रवार को हाइवे पर चक्का जाम किया.

राजस्थान के भरतपुर में माली, सैनी, कुशवाहा और मौर्य समुदाय के लोग 12 प्रतिशत अलग आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. बीते शुक्रवार को उन्होंने जयपुर-आगरा हाइवे पर चक्का जाम कर दिया था. आंदोलन की गति बढ़ती देख शनिवार को प्रशासन ने इंटरनेट बंद करने का फैसला किया. बताया जा रहा है कि नदबई, वैर और भुसावर तहसील में इंटरनेट बंद कर दिया गया है. संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने कानून-व्यवस्था और सुरक्षा की दृष्टि से इन इलाकों में इंटरनेट बंद करने का आदेश जारी किया है.

आरक्षण की मांग को लेकर 21 अप्रैल को आंदोलन की चेतावनी दी गई थी. इसे देखते हुए हाइवे पर पुलिस बल को तैनात किया गया था. हालांकि फिर भी आंदोलनकारी हाइवे पर जमे रहे. प्रदर्शनकारियों को लाठी-डंडा हाथ में लिए देखा गया. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े. पुलिस ने भरतपुर और करौली में 26 लोगों को हिरासत में भी लिया है. हालांकि आरक्षण संघर्ष समिति के सह-संयोजक वासुदेव प्रसाद कुशवाहा ने आरोप लगाया कि आंदोलन की तैयारी के समय ही आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया. उधर, प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने आने-जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग की जानकारी यात्रियों को दी थी ताकि उनके आवागमन में अड़चन न आए.

सैनी समाज के लोगों ने 21 अप्रैल को आंदोलन करने की चेतावनी दी थी. पिछले साल भी आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर के अरौदा गांव के पास हाइवे जाम कर दिया गया था. वहीं, जब इस साल आंदोलन का फैसला किया गया तो अरौदा गांव के लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. विरोध करते हुए पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह से मुलाकात की. उन्होंने कहा था कि इस आंदोलन से सभी ग्रामीण सहमत नहीं हैं और आरक्षण संघर्ष समिति जबरदस्ती कर रही है. ग्रामीणों का कहना था कि अगर आंदोलन किया गया तो उनके गांव के लोगों को गिरफ्तार न किया जाए. उन्होंने आंदोलन के कारण होने वाली समस्या से भी पुलिस को अवगत कराया था.

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