क्या भाजपा दिल्ली में नए चेहरों पर खेलने जा रही है दांव, बैठक में ये रहे शामिल

नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की गतिविधियां और तेज हो चली हैं. प्रदेश में चुनाव की तारीख की घोणषा किए जाने के बाद 6 जनवरी से आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है. आठ फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हैं. 11 फरवरी को चुनाव परिणाम आने के साथ ही दिल्ली विधानसभा को अपना नया मुख्यमंत्री मिल सकता है. इसके अलावा विरोधी पार्टियों में एक-दूसरे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने रविवार को एक लंबी बैठक की. 7-8 घंटे तक चली इस बैठक में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व और दिल्ली से जुड़ी कोर टीम के सदस्य शामिल रहे. केंद्रीय गृहमंत्री और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के निवास पर हुई इस बैठक में दिल्ली चुनाव के लिए प्रत्याशियों को लेकर चर्चा की गई. सूत्रों के अनुसार भाजपा इस चुनाव में कई नए चेहरों को मौका दे सकती है.

नए चेहरों पर हो सकता है जोर
सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि भाजपा इस चुनाव के जरिए कई नए चेहरों को सामने लाने पर फोकस कर रही है. केंद्रीय सर्वे और पब्लिक फीडबैक उम्मीदवारों को चयनित करने और उन्हें जिम्मेदारी देने का आधार बनेगा. ऐसे में हो सकता है कि पहले से टिकट की आस लगाए या पिछले चुनाव में टिकट पाए उम्मीदवारों को मायूसी हासिल हो सकती है.

बैठक में ये हुए शामिल
रविवार को हुई बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, भाजपा के दिल्ली प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर, श्याम जाजू, मनोज तिवारी, विजय गोयल, विजेंदर गुप्ता और अनिल जैन शामिल रहे. अभी किसी सीट से किसी के नाम पर स्पष्ट मुहर नहीं लगी है. एक बार सभी सीटों से उम्मीदवारों को तय कर लिए जाने के बाद चुनाव आयोग को नाम भेज दिए जाएंगे.

Delhi Election 2020: नए चेहरों पर दांव लगाएगी BJP, कांग्रेस-AAP मिलेगी कड़ी चुनौती

दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 में विरोधियों को मात देने के लिए भाजपा नए चेहरों पर दांव लगा सकती है, इसलिए कई कद्दावर नेता इस बार चुनावी दंगल से दूर रखे जा सकते हैं। ऐसे में उनकी जगह अपने क्षेत्र में जनाधार रखने वाले युवाओं को तरजीह मिलने की संभावना जताई जा रही है। प्रत्याशियों की खोज के लिए पार्टी ने विधानसभा स्तर पर रायशुमारी भी कराई है। बताते हैं कि लगभग सभी क्षेत्रों में युवा दावेदारों की अच्छी खासी संख्या है।

दिल्ली में भाजपा अपनी छवि बदलने के लिए पुराने चेहरों की जगह युवाओं को आगे लाने में जुटी हुई है। इसलिए दिल्ली की कमान उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी को दी गई है। उनकी टीम में भी युवाओं को तरजीह मिली है। दिल्ली से अधिकतर सांसद भी युवा हैं। युवा नेताओं को संगठनात्मक दायित्व देने के साथ ही प्रदेश भाजपा की ओर से होने वाले कार्यक्रमों को सफल बनाने की भी जिम्मदारी सौंपी जा रही है। चुनाव प्रबंधन समिति में भी इन्हें महत्व दिया गया है। अब इन नेताओं को चुनावी दंगल में उतारकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को मात देने की रणनीति बनाई जा रही है।

वहीं, पार्टी के नेताओं का कहना है कि कई नेता चार से छह चुनाव लड़ चुके हैं। इससे भाजपा की छवि बुजुर्ग नेताओं वाली बन गई है, इसलिए भाजपा नेतृत्व के सामने दिल्ली में पार्टी की छवि बदलने की चुनौती है और इसके लिए प्रयास भी किए जा रहे हैं। दिल्ली में 51.30 फीसद मतदाताओं की आयु 18 से 39 वर्ष है। 35.13 फीसद प्रौढ़ और 13.55 फीसद बुजुर्ग मतदाता हैं। इस तरह से दिल्ली में आधे से ज्यादा मतदाताओं की आयु 40 वर्ष से कम है। इसे अपने साथ जोड़ने के लिए पार्टी युवा नेताओं को चुनाव मैदान में उतारना चाहती है।

विभिन्न आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या

18-19 वर्ष

20-29 वर्ष

30-39 वर्ष

40-49 वर्ष

50-59 वर्ष

60-69 वर्ष

70-79 वर्ष

80 से ज्यादा

नीलकांत बख्शी (प्रदेश मीडिया संपर्क प्रमुख) के मुताबिक, युवा मतदाता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले व भाजपा की नीतियों के साथ हैं। विरोधी पार्टियां युवाओं को हिंसा की राह पर चलाने की साजिश रच रही है, जिससे लोगों में नाराजगी है। भाजपा हमेशा से युवा नेतृत्व को आगे करती रही है। प्रत्याशियों का चयन स्थानीय नेताओं की सलाह पर पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है।

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