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लोकसभा चुनाव के बाद अब पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ता घर छोड़कर भाग रहे हैं। उन्हें डर है कि टीएमसी के नेता और कार्यकर्ता हमला कर सकते हैं। इसे लेकर भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल को पत्र लिखा है। लोकसभा चुनाव 2024 के बाद अब पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं में दहशत का माहौल है। हिंसा भड़कने का खतरा मंडरा रहा है, इसलिए कई भाजपाइयों ने अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्थानों में शरण ली है।
कई लोग वोट डालने के बाद घर छोड़ कहीं और चले गए। इसे लेकर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल को पत्र लिखा है। पश्चिम बंगाल में सात चरणों में लोकसभा चुनाव संपन्न हो गया। जादवपुर लोकसभा क्षेत्र के बरुईपुर इलाके में स्थित भाजपा कार्यालय की तीसरी मंजिल पर कई कार्यकर्ता ठहरे हुए हैं। भाजपा कार्यकर्ता प्रशांत हलदर ने कहा कि उनके लिए चुनाव का मौसम मतलब घर छोड़ने का मौसम है।
वे एक जून को वोट डालने के एक दिन अपनी पत्नी और बच्चों के साथ घर से निकल गए। उन्होंने पत्नी और बच्चों को एक रिश्तेदार के घर भेज दिया, जबकि वे और उनके जैसे 50 से अधिक कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय में रुके हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि चुनाव के बाद सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता अपने घर और गांव छोड़कर चले गए हैं। यह कोई पहली बार नहीं है, बल्कि उन्होंने 2021 के विधानसभा चुनावों और 2023 के पंचायत चुनावों के बाद भी ऐसा ही किया था।
हलदर ने आगे कहा कि चुनाव से पहले उसे और गांव के अन्य कार्यकर्ताओं को धमकियां मिली थीं। इसके बाद भी सभी लोगों ने मिलकर पार्टी के लिए काम किया। एक जून को मतदान के बाद दो जून को उसके घर में तोड़फोड़ की गई थी। हलदर के बगल में बैठीं मामोनी दास ने कहा कि वह 2016 से चुनाव के बाद ऐसा कर रही हैं। विधानसभा चुनाव के बाद स्थानीय टीएमसी नेताओं ने उसे घर से बाहर निकाल दिया था।
इसके बाद वह सहपारा और फिर काठपोल में किराए के मकानों में रही थीं। अब फिर उसे धमकी मिली है। इसे लेकर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और नंदीग्राम से भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को लिखे पत्र में कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद 10,000 भाजपा कार्यकर्ता और उनके परिवार सुरक्षित घरों में हैं, जिनमें से कई लोग पार्टी कार्यालय में रुके हैं। हालांकि, टीएमसी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
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