
यूनिक समय, नई दिल्ली। दिल्ली में एक बड़े जासूसी रैकेट का खुलासा हुआ है, जिसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का एजेंट दानिश (असली नाम एहसान-उर-रहमान) शामिल पाया गया है। दानिश पहले पाकिस्तान के इस्लामाबाद में तैनात था और वहीं से उसका पासपोर्ट भी जारी हुआ था।
जानकारी के अनुसार, दानिश भारत में पाकिस्तान हाई कमीशन में अधिकारी के रूप में कार्यरत था, लेकिन उसका असली मकसद जासूसी करना था। भारत सरकार को मिले इनपुट के अनुसार, ISI अपने एजेंट्स को पाकिस्तान हाई कमीशन, नई दिल्ली में अलग-अलग पदों पर तैनात कर भारत में जासूसी गतिविधियां संचालित करवा रही है। ये एजेंट सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों को निशाना बनाकर दोस्ती, ब्लैकमेल, हनी ट्रैप और पैसों का लालच देकर भारत विरोधी कार्यों के लिए प्रेरित करते हैं।
इस केस में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के बाद दानिश का नाम सामने आया। पूछताछ के दौरान ज्योति ने स्वीकार किया कि वह 2023 में पाकिस्तान जाने के लिए वीजा के सिलसिले में दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन गई थी, जहां उसकी मुलाकात दानिश से हुई। इसके बाद दोनों के बीच संपर्क बढ़ा और दानिश के कहने पर ज्योति ने दो बार पाकिस्तान की यात्रा की।
ज्योति के अनुसार, पाकिस्तान में उसकी मुलाकात अली हसन नामक व्यक्ति से हुई, जिसने वहां ठहरने और घूमने की व्यवस्था की थी। अली हसन ने ही ज्योति की मुलाकात पाकिस्तान की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों से करवाई। वहां उसकी मुलाकात शाकिर और राणा शहबाज नाम के लोगों से भी कराई गई।
इस पूरे मामले में जांच एजेंसियां अब दानिश और उससे जुड़े नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं। भारत पहले भी पाकिस्तान के ऐसे एजेंट्स की तैनाती का विरोध करता रहा है, जो हाई कमीशन की आड़ में देशविरोधी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
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