ISRO की बड़ी सफलता, स्पेडेक्स मिशन में सफल हुई अनडॉकिंग

स्पेडेक्स मिशन

यूनिक समय, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष में एक और बड़ी सफलता हासिल करते हुए इतिहास रच दिया है। ISRO ने स्पेडेक्स मिशन के तहत दो अलग-अलग सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक जोड़ा और फिर उन्हें अलग कर दिया है। यह उपलब्धि भविष्य के डीप स्पेस मिशन और स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मिशन का मुख्य क्रम

  • SDX-2 एक्सटेंशन सफल रहा।
  • कैप्चर लीवर 3 को योजना के अनुसार रिलीज़ किया गया।
  • SDX-2 में कैप्चर लीवर को अलग किया गया।
  • SDX-1 और SDX-2 में डिकैप्चर कमांड जारी किया गया।

स्पेडेक्स मिशन के बारे में

स्पेडेक्स मिशन, PSLV द्वारा लॉन्च किए गए दो छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग करके अंतरिक्ष में डॉकिंग के प्रदर्शन के लिए एक लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी प्रदर्शक मिशन है। यह तकनीक भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं, जैसे चंद्रमा पर भारतीय के जोन, चंद्रमा से नमूना वापसी, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BASS) के निर्माण और संचालन आदि के लिए आवश्यक है। जब सामान्य मिशन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कई रॉकेटों के लॉन्च की आवश्यकता होती है, तो इन-स्पेस डॉकिंग तकनीक अनिवार्य हो जाती है।

यह सफलता ISRO की तकनीकी क्षमता और अंतरिक्ष में नए आयाम स्थापित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

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