राजकोट. न्यूजीलैंड दौरे पर विराट कोहली की अगुआई में भारतीय क्रिकेट टीम को वनडे और टेस्ट सीरीज में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. टीम के लिए सबसे निराशा की बात तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन रहा. बुमराह न तो वनडे सीरीज में प्रभाव छोड़ पाए और न ही टेस्ट सीरीज में कोई कमाल कर सके. बुमराह भले ही न्यूजीलैंड दौरे पर अपेक्षाओं के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके हों, लेकिन उनके दोस्त ने रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में न केवल अपनी गेंदबाजी का जलवा दिखाया, बल्कि बल्लेबाजी से भी समां बांध दिया.
फाइनल के करीब गुजरात
राजकोट में सौराष्ट्र और गुजरात के बीच रणजी ट्रॉफी का सेमीफाइनल मुकाबला खेला जा रहा है. इस मुकाबले के शुरुआती दो दिन सौराष्ट्र ने कुछ हद तक दबदबा बना रखा था, लेकिन तीसरे दिन बाजी पूरी तरह पलट गई. दरअसल, सौराष्ट्र के खिलाफ गुजरात को ड्राइविंग सीट पर लाने का श्रेय जाता है तेज गेंदबाज चिंतन गाजा को. दरअसल, सौराष्ट्र के 304 रन के जवाब में गुजरात की पहली पारी आठ विकेट पर 155 रन बनाकर झूल रही थी, तभी दसवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए चिंतन गाजा ने 61 रनों की बेहतरीन पारी खेलकर टीम को 252 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया. गाजा यहीं पर नहीं रुके, दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने आई सौराष्ट्र के बल्लेबाजों की कमर तोड़ते हुए उन्होंने 4.2 ओवर में महज 9 रन देकर अकेले दम पर ही आधी टीम को पवेलियन भेज दिया. दिन का खेल खत्म होने तक सौराष्ट्र ने पांच विकेट पर 66 रन बना लिए.
आज मेरा दिन था
चिंतन गाजा के जबरदस्त प्रदर्शन की बदौलत सौराष्ट्र की टीम की बढ़त फिलहाल 118 रन ही है. अगर चौथे दिन गुजरात की टीम सौराष्ट्र को जल्द समेट देती है तो फिर उसका फाइनल में पहुंचना इतना मुश्किल नहीं होगा. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, चिंतन गाजा ने दिन का खेल खत्म होने के बाद अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बारे में कहा कि आज मेरा दिन था. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि पहली पारी में बढ़त लेने के बाद सौराष्ट्र की टीम थोड़ी आरामतलबी के मूड में आ गई थी.’
अंडर19 क्रिकेट के दिनों से बुमराह के साथी
चिंतन गाजा और जसप्रीत बुमराह की दोस्ती अंडर19 क्रिकेट के दौरान शुरू हुई थी. चिंतन ने कहा, ‘मैंने बुमराह से पूछा कि अलग-अलग पिचों के हिसाब से मुझे कैसी गेंदबाजी करनी चाहिए. मुझे अपनी गेंदबाजी में क्या बदलाव करने की जरूरत है. बुमराह ने मेरी सीम पोजिशन के बारे में बताया और बॉल को कहां लैंड कराना चाहिए इसकी जानकारी भी दी. मैंने इस पर काम किया. मैं कोशिश करता हूं कि गेंद की सीम को पिच पर टप्पा खिला सकूं क्योंकि उसके बाद गेंद तेजी से निकलती है और किसी बल्लेबाज को पता नहीं होता कि गेंद का रुख क्या होगा.’पांच में से तीन शिकार विकेट के पीछे किए
गाजा के पांच विकेटों में से तीन विकेट के पीछे कैच आउट हुए. एक बल्लेबाज बोल्ड आउट हुआ और एक को शॉर्ट लेग पर कैच किया गया. उन्होंने हर्विक देसाई, किशन परमार, अवि बरोत, विश्वराज जडेजा और शेल्डन जैक्सन के विकेट लिए.
ओपनिंग कर चुके हैं गाजा
चिंतन गाजा ने भले ही 61 रनों की अहम पारी खेलकर टीम को मुश्किल से निकाला, लेकिन गुजरात की टीम में कोई भी उनकी बल्लेबाजी क्षमता को लेकर हैरान नहीं है. अहमदाबाद में स्कूल क्रिकेट में चिंतन गाजा ओपनिंग किया करते थे. जूनियर क्रिकेट में उनके नाम तिहरा शतक भी है. हालांकि आगे बढ़ने के साथ ही वे नई गेंद के गेंदबाज बन गए. 61 रन की पारी में चिंतन ने 4 छक्के और छह चौके जड़े. उन्होंने नौवें विकेट के लिए रुजुल भट्ट के साथ 87 रनों की साझेदारी की. रुजुल ने 212 गेंदों पर 71 रन बनाए.
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