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नई दिल्ली। जेएनयू देशद्रोह मामले में आज दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में 1200 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। जिसमें कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान के अलावा 7 कश्मीरी छात्रों को भी देशद्रोह का आरोपी बनाया गया है। इन सभी कश्मीरी छात्रों से भी पूछताछ की जा चुकी है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से उस वीडियो को मांगा है जिसके जरिए इन लोगों पर आरोप लगा था कि 9 फरवरी 2016 को इन छात्रों ने देश विरोधी नारे लगाए थे।
इससे पहले कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को 28 फरवरी तक इस मामले में चार्जशीट को लेकर दिल्ली सरकार से अनुमति लेकर आने को कहा था। दरअसल, जेएनयू मामले में आरोपियों पर देशद्रोह का केस चलाने के लिए अब तक दिल्ली सरकार से अनुमति नहीं मिली है. जिस पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली सरकार के होम डिपार्टमेंट के पास फाइल अटकी है। वहीं दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि उसे इस मामले में कोई जानकरी नहीं है। सरकार को अपने विवेक से तय करना है कि अनुमति दे या न दे। इसके बाद कोर्ट ने पूछा कि कन्हैया के खिलाफ क्या सबूत हैं। इस पर पुलिस ने कहा कि वीडियो और फोरेंसिक सबूत हैं, जिससे पता चलता है कि कन्हैया न सिर्फ मौके पर मौजूद रहे, बल्कि देशविरोधी नारे लगाने वालों का समर्थन किया और उन्हें नहीं रोका। इस पर पर कोर्ट ने कहा कि हम वीडियो देखेंगे. सरकार परमिशन न भी दे तब भी हम वीडियो देखकर कार्रवाई करेंगे। आपको बता दें कि देशद्रोह मामले में दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के अनुमति लेनी होती है और यह दिल्ली सरकार का लॉ डिपार्टमेंट देता है। इतना ही नहीं, अनुमति लेने के लिए फाइल एलजी के पास भी जाती है। अगर परमिशन नहीं मिली तो चार्जशीट पर कोर्ट संज्ञान नहीं लेगा। बताया जा रहा है कि पुलिस ने जिस दिन चार्जशीट पेश की उसी दिन परमिशन के लिए अप्लाई किया था।
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