चंडीगढ़/पानीपत। दिल्ली से लगने वाली सीमाएं किसानों के लिए सील कर दी गई हैं। साथ ही हरियाणा और पंजाब के कई जिलों में इंटरनेट के सीवाएं भी बंद है। लेकिन इसके बाद भी किसानों का हौसला कम नहीं हुआ है। कुंडली बॉर्डर पर किसान आंदोलन अब मेले में बदल गया। दोनों राज्यों के हजारों किसान अलग-अलग जत्थे में यहां पहुंचे हुए हैं।।
दरअसल, रविवार शाम पंजाब से कई गांव की किसान महिलाएं अलग-अलग जत्थों में बच्चों के साथ कुंडली बॉर्डर पर पहुंचीं। वहीं सोनीपत के करीब 28, पानीपत के करीब 23 व जींद के करीब 17 गांवों के किसानों का जत्था ट्रैक्टरों पर तिरंगा लगाकर पूरे जोश में यहां पहुंचे हुए हैं। यानि गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की तैयारी के बीच अब आंदोलन में हरियाणा के किसानों की भागीदारी ज्यादा बढ़ गई है।
हरियाणा से लगने वाली कुंडली बॉर्डर पर मेले जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। यहां किसान अपनी ट्रॉली में LED टीवी लगा ली है। यहीं पर वह किसान संबंधित खबरें देख रहे हैं। बता दें कि सरकार ने 26 जनवरी के बाद से कुंडली बॉर्डर पर इंटरनेट बंद कर दिया तो किसानों ने डिश का सहारा ले लिया है। इतना ही नहीं उन्होंने स्थानीय लोगों का ब्राडबैंड का पासवर्ड भी लिया है ताकि वह नेट चला सकें। वहीं कई ने अपने ब्रॉडबैंड कनेक्शन को बिना पासवर्ड के चला रखा है। किसान किसान सिंह ने कहना है कि वह आंदोलन के लिए एक छोटा टीवी खरीदकर लाए हैं।
हरियाणा में खट्टर सरकार ने राज्य के करीब 17 जिलों इंटरनेट सेवा पर कुछ दिनों के लिए बैन लगा रखा है। लेकिन यहां की खाप पचांयत में इन जिलों के गांव में रहने वाले किसानों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए लाउडस्पीकर लगवाना शुरू कर दिया है। इन किसान नेताओं ने करीब जिले के 306 गांवों में इस तरह के लाउडस्पीकर लगवा दिए हैं। ताकि वह एक दूसरे के संपर्क में रहते हुए अपनी बात सभी किसानों तक पहुंचा सकें।
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