मुंबई। अभिनेत्री जूही चावला ने पिछले कई सालों से मोबाइल फोन की 5जी तकनीक को लेकर चिंता जता रही हैं। एक्ट्रेस का कहना है कि लोगों की सेहत पर रेडियोफ्रिक्वेंसी के संभावित हानिकारक प्रभावों का विश्लेषण किए बगैर इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए। अब इस मामले को आगे बढ़ाते हुए एक्ट्रेस ने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया है। जूही चावला ने अब भारत में 5G टेक्नोलॉजी को लागू करने के खिलाफ एक याचिका मुम्बई हाई कोर्ट में दायर की है जिसकी पहली सुनवाई आज होनी है।
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मीडिया रिपोर्ट की माने तो जूही चावला ने अपनी इस याचिका में भारत सरकार के दूरसंचार मंत्रालय से आम लोगों, तमाम जीव-जंतुओं, वनपसस्तियों और पर्यावरण पर 5G टेक्नोलॉजी के लागू किये जाने से पड़ने वाले असर से जुड़े अध्ययन को बारीकी से कराने और ऐसे रिपोर्ट्स के आधार पर भी इसे भारत में लागू करने और नहीं करने को लेकर कोई फैसला करने की अपील की है। जूही चावला रेडिएशन के प्रति जागरूकता लाने का काम करती आ रही हैं। केंद्र डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों को पाने के लिए 5जी लागू करने जा रहा है, इस बीच जूही ने पूछा है कि इस नई तकनीक पर क्या पर्याप्त शोध किया गया है?
जूही चावला के प्रवक्ता ने एक आधिकारिक बयान में कि भारत में 5G टेक्नोलॉजी को लागू किये जाने से पहले RF रेडिएशन से मानव जाति, महिला, पुरुषों, व्यस्कों, बच्चों, शिशुओं, जानवरों, जीव-जंतुओं, वनस्पतियों और पर्यावरण पर पड़नेवाले प्रभावों को लेकर अच्छे से अध्ययन किया जाए और इससे संबंधित किये गये अथवा किये जानेवाले तमाम रिपोर्ट्स को सार्वजनिक किया जाए। प्रवक्ता का कहना है कि इस तरह के अध्ययन से स्पष्ट किया जाना जरूरी है कि क्या 5G टेक्नोलॉजी भारत की मौजूदा और आनेवाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित या नहीं और इसके बाद ही इसे लागू करने को लेकर विचार किया जाए।
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