गड़बड़झाला: खिलौना नोट’ ने तीन को खिलवा दी जेल की हवा

toy note

मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने चालान पर्चे में बदला स्वरूप, 1.33 लाख की बरामदी से गदगद पुलिस को ‘चूरन नोट’ से झटका

सादात में पुलिस ने शनिवार रात तीन युवकों को 1.33 लाख की नकली करेंसी के साथ गिरफ्तार कर लिया। तीनों पर मुकदमा भी दर्ज हो गया। आरोपी नकली नोट को ‘खिलौना नोट’ बताते रहे, बावजूद पुलिस ने नोटों को जाली करेंसी। रविवार सुबह पड़ताल में चूरन नोट ने पुलिस को झटका दे दिया। आनन-फानन में चालान पर्चे में बदलाव कर अन्य धाराओं में आरोपियों को कोर्ट में पेश किया।
शनिवार को स्वाट के साथ सादात एसओ प्रवीण यादव की तहरीर पर जाली करेंसी की बरामदगी में तीन युवकों की गिरफ्तारी का केस दर्ज किया गया। तहरीर के अनुसार जालसाजी और धोखाधड़ी करने वाले तीन अभियुक्तों धुरपति बिन्द (29) पुत्र करीमन निवासी सालिकपुर, लौटूराम (45) पुत्र स्व. शंकरराम निवासी अन्दोखर और रामधारी राजभर (65) पुत्र स्व. राजकुमार राजभर निवासी वीरारायपट्टी को दबोचा गया। धुरपति से तमंचा, लौटूराम से तमंचा समेत 500 ग्राम पीली धातु, और रामधारी से दो हजार के 47 नकली नोट, पांच सौ के 42 नोट तथा दो सौ के 94 नोट बरामदगी का दावा कियागया। 1,33,800 रुपये के बारामद सभी नोट नकली बताकर पुलिस ने बिना नोटों की जांच किए नकली करेंसी तस्करों के रूप में तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। चालान के पर्चे में धाराओं को तरमीम किया और बचाव के रास्ते ढूंढे।

जांच में निकला ‘खिलौना नोट’:

सवा लाख से ज्यादा नकली करेंसी बरामद होने की सूचना पर खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई। एजेंसियों के इनपुट मांगने पर नकली की जगह ‘खिलौना नोट’ ने गुडवर्क की हवा निकाल दी। बरामद नोट पर चूरन नोट (मनोरंज बैंक प्रत्याभूत) लिखा हुआ था। सादात पुलिस ने पर्चे में भूल सुधार करते हुए नकली नोटो (मनोरंज बैंक प्रत्याभूत) दर्ज किया फिर आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। मुख्य केस की धाराएं सभी जाली करेंसी की कायम की गई थीं। खिलौना नोट बरामदगी का यह पहला मामला सामने आया है जिसमें पुलिस ने मनोरंजन बैंक लिखे नोटों को बरामद कर केस दर्ज कर लिया।
पुलिस ने फर्द में आरोपियों के बयान को बताया है कि तीनों लोग मिलकर पीली धातु को असली सोना बताकर कम दामों में बेचा करते हैं। नकली नोटों (मनोरंज बैंक प्रत्याभूत) को असली नोटों के साथ मिलाकर हेराफेरी करके धोखाधड़ी करते हैं। धुरपति बिन्द, लौटू राम और रामधारी राजभर धोखाधड़ी के इरादे से आने पर पकड़े गए।

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