यूनिक समय, मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने जन्मजात बच्ची की ऑपरेशन के माध्यम से विकृति दूर करने में सफलता प्राप्त की। कम खर्चे पर बच्ची का इलाज होने पर उसके माता-पिता ने अस्पताल प्रबंधन व डाक्टर का आभार व्यक्त किया है।
जनपद की तहसील छाता के ग्राम सेमरी निवासी सोनू के घर दो दिसम्बर को एक बच्ची ने जन्म लिया। जन्म से ही उसकी आंतें पेट के बाहर थीं तथा एक द्रव से भरी बहुत ही पतली झिल्ली से ढकी हुई थीं। जो इतनी पतली थी कि वह कभी भी फट सकती थी और आंत बाहर आ सकती थीं। सोनू की पत्नी का जहां प्रसव हुआ वहां के डॉक्टर ने नवजात बच्ची की गम्भीर स्थिति को देखते हुए के.डी. हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी। उसके बाद सोनू अपनी बच्ची को लेकर के.डी. हॉस्पिटल आया। शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने बच्ची के खून की साधारण जांच के बाद तुरंत ऑपरेशन कर बच्ची की उलझी हुई आंतों को ठीक कर उन्हें पेट में डाल दिया।
डॉ. शर्मा ने बताया कि मेडिकल भाषा में इस बीमारी को एक्जोम्फेलोस विद मालरोटेशन ऑफ इंटेस्टाइन कहते हैं जो कि लगभग पांच हजार में से एक नवजात शिशु में होती है। इसकी कठिन सर्जरी के लिए उन्होंने डॉ. विनायका तथा निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. उमैद मिर्जा का सहयोग लिया। अब बच्ची पूरी तहर से ठीक है। वह मां का दूध भी पीने लगी है। के.डी. हॉस्पिटल में बहुत कम खर्च पर अपनी बच्ची का इलाज होने पर सोनू ने मुक्तकंठ से अस्पताल प्रबंधन की प्रशंसा करते हुए प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का आभार माना।
डॉ. शर्मा का कहना है कि के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में उच्चस्तरीय सुविधाएं तथा हर तरह की बीमारी के विशेषज्ञ चिकित्सकों के होने से यहां जो भी मरीज आता है, वह स्वस्थ होकर ही अपने घर जाता है। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल और प्राचार्य व डीन डॉ. आर.के. अशोका ने इस सफलता के लिए डॉ. श्याम बिहारी शर्मा तथा उनकी टीम को बधाई देते हुए बच्ची के स्वस्थ जीवन की कामना की है।
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