
यूनिक समय, नई दिल्ली। कर्नाटक के शिवमोगा जिले में आयोजित कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) के दौरान एक विवादित घटना सामने आई है, जिसमें छात्रों से उनके धार्मिक प्रतीकों, जनेऊ और कलावा हटाने के लिए कहा गया। इस मामले ने गंभीर रूप लेते हुए राज्य प्रशासन को सख्त कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया है। पुलिस ने परीक्षा केंद्र के अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
यह घटना शिवमोगा के शरावतिनगर स्थित आदि चुंचुनगिरी स्कूल में हुई, जहां परीक्षा देने पहुंचे तीन छात्रों को धार्मिक चिह्न पहनने पर रोका गया। आरोप है कि दो छात्रों से जबरन जनेऊ और कलावा उतरवाया गया, जबकि एक छात्र ने जनेऊ उतारने से इनकार कर दिया। इसके चलते उसे लगभग 15 मिनट तक परीक्षा केंद्र के बाहर रोके रखा गया। बाद में उसे जनेऊ पहनकर परीक्षा में शामिल होने दिया गया, लेकिन उसके हाथ का कलावा उतरवाकर फेंक दिया गया।
इस मामले में नटराज भगवत नाम के व्यक्ति की शिकायत पर बीएनएस की धारा 115(2), 299, 351(1), 352 और धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि किन हालातों में छात्रों को अपने धार्मिक प्रतीक हटाने को मजबूर किया गया।
कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एमसी सुधाकर ने इस घटना को “अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण” बताया है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शिवमोगा नहीं, बल्कि बीदर के एक अन्य परीक्षा केंद्र पर भी हुआ है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य के अधिकांश केंद्रों पर परीक्षा प्रक्रिया बिना किसी समस्या के संपन्न हुई।
सरकार ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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