मुंबई। केबीसी 12 के गुरुवार के एपिसोड में कोलकाता से आए प्रतियोगी ने 50 लाख के सवाल पर प्रतियोगिता से क्विज कर लिया। ये सवाल धरती के सबसे पुराने ज्ञात खनिज को लेकर पूछा गया था। इसके चार विकल्पों में पाइराइट, क्वॉट्र्ज, वैनेडियम और जिरकॉन शामिल थे। सवाल का जवाब है- जिरकॉन। यही सबसे पुराना ज्ञात खनिज है। इसके बहुतेरे इस्तेमालों में से एक है सैन्य उपकरणों में इसका उपयोग।
कहा जाता है रंगीन सोना
जिरकॉन वो खनिज है जो नेसोसिलिकेट्स समूह से आता है। इससे बनने वाली धातु को जिरकॉनियम कहते हैं। वैसे जिरकॉन शब्द पर्शियन भाषा से आया है, जिसमें इसे जारगुन कहते हैं- इसका अर्थ है अलग रंग का सोना। यहीं से नाम बदलते हुए ये जिरकॉन हो गया।
कहां मिलता है
धरती की परतों में पाया जाने वाला ये खनिज आमतौर पर छोटे-छोटे टुकड़ों में पाया जाता है और इसका बड़ा सा टुकड़ा मिलना लगभग दुर्लभ है। ये कई रंगों में पाया जाता है। जैसे कहीं पर लालिमा लिए भूरी धातु मिलती है, तो कहीं ये हरी, नीली और कई बार रंगहीन भी हो जाती है।
होती है प्रोसेसिंग
इसके अलावा हीट ट्रीटमेंट से भी इसका रंग बदला जा सकता है, जैसे भूरे जिरकॉन से नीला या फिर रंगहीन जिरकॉन तैयार हो सकता है। इसके लिए धातु को 800 से 1000 डिग्री सेल्सियस तक ताप देना होता है। वहीं प्राकृतिक तौर पर नीले, लाल या गुलाबी जिरकॉन धरती के भीतर लाखों सालों की प्रक्रिया से तैयार होते हैं और बेहद कीमती होते हैं।
इस धातु के कई उपयोग हैं। आमतौर पर ये सिरेमिक इंडस्ट्री में इस्तेमाल होता है और इससे सजावट की चीजें तैयार होती हैं। इसके अलावा जिरकोनियम धातु का उपयोग परमाणु रिएक्टरों में किया जाता है। ये परमाणु प्रतिक्रिया को उर्जा देने वाले बेलनाकार ईंधन की छड़ के लिए आवरण देता है।
रूस की जिरकॉन मिसाइल
साल 2019 में रूस की एक मिसाइल का नाम काफी चर्चा में था, जिसे (जिरकॉन) कहा गया। दुश्मन के रडार को चकमा देने में माहिर इस मिसाइल की खासियत ही जिरकॉन है। जिरकॉन से बने इसके आवरण के कारण मिसाइल काफी हल्की और तेज हो गई। बाहरी आवरण की बदौलत ही यह रडार से छिपी रह सकती है। इसके बाद से अमेरिका भी मिसाइल में इसका प्रयोग कर रहा है।
संभलकर होता रहा इस्तेमाल
धरती का सबसे पुराना ज्ञात खनिज होने के बाद भी जिरकॉन आसानी से नहीं मिलता। सतह पर इसकी मात्रा अनेक सामान्य तत्वों से अधिक होने के बाद भी तत्वों की प्राप्ति सूची में इस खनिज को 20वां स्थान मिला। यही कारण है कि इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से नहीं, बल्कि काफी संभलते हुए होता आया है। सिरेमिक यानी चीनी मिट्टी के उद्योग और बिजली के सामान तैयार करने के साथ, चमड़े की रंगाई और रेशम उद्योगों में भी इसकी थोड़ी मात्रा का उपयोग होता रहा। लेकिन आजकल जिरकॉनियम का सबसे ज्यादा उपयोग परमाणु ऊर्जा में हो रहा है।
ज्योतिष में भी है महत्व
वैदिक ज्योतिष में भी अब इस धातु को महत्व मिलने लगा है। इसे शुक्र ग्रह से जुड़ा हुआ माना जाता है और कई राशियों में शुक्र को मजबूत करने के लिए ये हीरे की तरह चमकीला रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। कलात्मक क्षेत्र या फैशन, अभिनय, पेंटिंग, लेखन, संगीत और डिजाइनिंग जैसी चीजों से जुड़े लोग, जिन्हें लगातार क्रिएटिविटी चाहिए होती है, उन्हें जेरकॉन पहनने की सलाह एक्सपर्ट देते हैं।
वैसे कौन बनेगा करोड़पति में मिश्रित सवाल पूछे जाते हैं लेकिन धातुओं को लेकर कई बार सवाल हो चुके हैं। जैसे बीते साल नवंबर में ही एक सवाल धातु को लेकर किया गया था कि धरती की पर्पटी में एल्युमीनियम के बाद कौन सी धातु सबसे ज्यादा मात्रा में पाई जाती है। इसका जवाब था आयरन।
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