टाटा फैमिली के इन मेंबर्स के बारे में जानिए

टाटा ग्रुप देश का सबसे बड़ा कारोबारी घराना है। यह देश का पहला कारोबारी घराना है, जिसकी कंबाइंड वैल्यूएशन 400 अरब डॉलर को पार कर गई है। टाटा ग्रुप में करीब 100 कंपनियां हैं, जिनमें से 26 कंपनियां स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट हैं। टाटा ग्रुप दुनियाभर में 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देता है। दुनिया के करीब 150 देशों में टाटा ग्रुप के प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं। टाटा ग्रुप की शुरुआत साल 1868 में एक ट्रेडिंग कंपनी के रूप में हुई थी। बता दें कि दिग्गज कारोबारी रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। बुधवार रात उनका निधन हो गया।

टाटा ग्रुप की फैमिली ट्री को देखें तो, इस परिवार में एक से बढ़कर एक दिग्गज उद्योगपति हुए हैं। टाटा फैमिली की नींव रतन दोराब टाटा से आती है। इनकी दो संतानें थीं। बाई नवाजबाई रतन टाटा और नुसरवानजी रतन टाटा। नुसरवानजी एक पारसी पुजारी थे। उन्होंने ही सबसे पहले बिजनेस में कदम रखा। इनका जीवनकाल 1822 से 1886 तक रहा।

नुसरवानजी टाटा के 5 संतानें हुईं। इनमें से एक थे दिग्गज कारोबारी जमशेदजी टाटा। ये ही टाटा ग्रुप के फाउंडर हैं। उन्होंने टाटा ग्रुप में स्टील (टाटा स्टील) और होटल (ताज महल) जैसे प्रुमख कारोबारों की नींव रखी। उन्हें भारतीय उद्योग के जनक के रूप में जाना जाता है। इनका जीवनकाल 1839 से 1904 तक रहा। दोराबजी टाटा, जमशेदजी टाटा के सबसे बड़े बेटे थे। उन्होंने ही जमशेदजी के बाद टाटा ग्रुप का कारोबार संभाला। इनका जीवनकाल 1859 से 1932 के बीच रहा। दोराबजी ने टाटा पावर जैसे कारोबारों की स्थापना में अहम भूमिका निभाई।

रतनजी टाटा, जमशेदजी टाटा के छोटे बेटे थे। उनका जीवनकाल 1871 से 1918 तक रहा। उन्होंने टाटा ग्रुप में कपास और वस्त्र उद्योग जैसे कारोबार जोड़े। इनका पूरा नाम जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा है। इनका जीवनकाल 1904 से 1993 के बीच था। ये रतनजी टाटा और सुजैन ब्रियर के बेटे थे। ये 50 साल से भी ज्यादा समय तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे। टाटा एयरलाइंस की स्थापना जेआरडी टाटा ने ही की थी। इस एयरलाइन का नाम आज एयर इंडिया है।

नवल टाटा का जीवनकाल 1904 से 1989 के बीच रहा। वे रतनजी टाटा के दत्तक पुत्र थे। रतन नवल टाटा और नोएल टाटा उन्हीं के वंशज हैं। रतन नवल टाटा साल 1991 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन और 2016-17 में अंतरिम चेयरमैन रहे। नवल टाटा ने जगुआर लैंड रोवर और टेटली जैसे इंटरनेशनल ब्रैंड के अधिग्रहण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं, नोएल टाटा ग्रुप की कंपनियों में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। वे टाटा इंटरनेशनल के अध्यक्ष भी हैं। वे टाटा ग्रुप की रिटेल चेन ट्रेंट के चेयरमेन भी रहे हैं।

रतन टाटा का जीवनकाल 1937 से 2024 तक रहा। वे नवल टाटा और सूनी कमिसरिएट के बेटे थे। रतन टाटा का 9 अक्टूबर, 2024 को निधन हो गया है। रतन टाटा ने जेएलआर, टेटली और कोरस जैसे अधिग्रहण करवाए हैं। रतन टाटा भारत के दिग्गज उद्योगपति के रूप में जाने जाते रहेंगे। इस समय रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा संभावित उत्तराधिकारियों में टॉप पर चल रहे हैं। नोएल टाटा के तीन बच्चे हैं- माया टाटा, नेविल टाटा और लिया टाटा। तीनों ही टाटा ग्रुप में भिन्न-भिन्न कारोबारों को देख रहे हैं।

 

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