टीम इंडिया के चायनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव ने टीम के माहौल को लेकर बड़ा खुलासा किया है। कुलदीप ने बताया है कि सीनियर्स की वजह से ड्रैसिंग रूम का माहौल कैसा रहता है.
इंग्लैंड में पाकिस्तान से हुए महामुकाबले में ड्रीम गेंद फेंककर विश्व कप में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ अजेय रहने के रिकॉर्ड को बरकरार रखने में प्रमुख योगदान देने वाले भारतीय चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव का कहना है कि उनके तरकश में और भी कई तीर मौजूद हैं। कुलदीप वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाले वनडे और टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम का हिस्सा हैं। कुलदीप यादव से अंकुश शुक्ल ने खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:-
– निरंतर अभ्यास के कारण और गेंद गिरकर बहुत अच्छे से स्पिन हुई। बल्लेबाज को चकमा देकर सीधे स्टंप में लगी। इस गेंद के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं की थी।
– धौनी व विराट कोहली में सबसे अधिक प्रेरित कौन करता है?
– मैच में हर किसी का अपना-अपना रोल होता है। धौनी भाई विकेट के सबसे करीब होते है, इसलिए बल्लेबाज की हर गतिविधि पर करीब से नजर रखकर मुझे और अन्य गेंदबाजों को दिशा-निर्देश देते हैं। विराट भाई फील्ड सजाने व प्रतिकूल परिस्थितियों में हमेशा हौसला बढ़ाते हैं।
– विश्व कप में ऐसे कौन से बल्लेबाज थे, जिन्हें आप आउट करना चाहते थे?
– हर गेंदबाज टीम की जीत के लिए विपक्षी टीम के हर प्रमुख बल्लेबाज को सस्ते में आउट करना चाहता है। मेरा भी कोई बल्लेबाज लक्ष्य में नहीं था। बस अच्छे फॉर्म में चल रहा हर बल्लेबाज मेरा निशाना था।
– विश्व कप का विजेता आपकी नजर में कौन है?
– वैसे तो इंग्लैंड विश्व विजेता बना। मेरे हिसाब से रोमांचक फाइनल मुकाबले में दोनों ही टीमों ने बेहतर प्रदर्शन किया। इसलिए इस बार संयुक्त विजेता घोषित कर दोनों टीमों को खिताब देना चाहिए था।
– पाकिस्तान से हुए महामुकाबले में क्या रणनीति बनाई थी?
– पाकिस्तान का मुकाबला हमेशा से विश्व कप का सबसे बड़ा मुकाबला रहा है। हमारी रणनीति पहले ओवर से ही पाक पर दबाव बनाने की थी। यह करने में पूरी टीम कामयाब हुई।
– कई मौके पर आप बल्लेबाजी करते हुए देखे गए, क्या आलराउंडर बनने की ओर बढ़ रहे हैं?
– ऐसा बिलकुल भी नहीं है। मेरा ध्यान हमेशा से बेहतर गेंदबाजी करते हुए टीम को विकेट दिलाने पर रहता है। हां, कई बार बल्लेबाजी की जरूरत पड़ जाती है, वहां भी बेहतर कर सकूं, इसलिए बल्लेबाजी का अभ्यास करता हूं।
– आइपीएल में इस बार आपका प्रदर्शन फीका रहा। कोई खास वजह?
– जी हां, हमारे ज्यादातर मुकाबले ईडन गार्डेस की पिच पर हुए जो बल्लेबाजों की मददगार है। यहां मैं विकेट लेने में विफल रहा। क्योंकि पिच स्पिन गेंदबाजों के विपरीत थी। ऐसी पिचों पर भी बेहतर गेंदबाजी के लिए गेंदबाजी के नए प्रयोग का अभ्यास कर रहा हूं।
– भारतीय टीम का माहौल कैसा रहता है?
– सीनियर खिलाड़ी टीम का हमेशा मार्गदर्शन करते हैं। हमेशा परिवार की तरह साथ देते हैं। हां, एक लाइन में कहें तो हंसी-मजाक के साथ परिवार जैसा माहौल और जरूरत के समय छोटों को हर जरूरी सीख, भारतीय टीम का सबसे बेहतर स्वभाव है।
– आपकी सफलता का राज क्या है?
– खुद पर आत्मविश्वास से खिलाड़ी सब कुछ हासिल कर सकता है। कोच का सही मार्गदर्शन, माता-पिता का आशीर्वाद ही मेरी सफलता का राज है। लोगों की शुभकामनाएं भी ताकत देती हैं।
– आपकी व चहल की मैच से पहले रणनीति क्या रहती है?
– हम दोनों डॉट गेंद डालकर बल्लेबाजों पर दबाव बनाते थे। इस कारण बल्लेबाज गलत शॉट लगाने के लिए मजबूर हो जाते थे। यही हमारी प्रमुख रणनीति होती थी और हमें सफलता भी मिली।
– बतौर गेंदबाज बिग हिटर्स का सामना कैसे करते है?
– वनडे व टी-20 में बिग हिटर्स के लिए डॉट गेंद व गुगली, फ्लिपर, स्लाइडर के साथ टफ स्पिन से बिग हिटर्स को चकमा देने की कोशिश रहती है। इससे इकोनॉमी रेट भी ठीक रहता है। वैसे मेरे तरकश में और भी कई तीर हैं।
– फिटनेस के लिए खिलाड़ी क्या ध्यान रखे?
– खेल में करियर बनाने वाले हर खिलाड़ी की सफलता का राज ही फिटनेस है। हर खिलाड़ी सही खानपान के साथ योग करे। ट्रेनर की सलाह लेकर खुद को फिट रखे।
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