कोरोना के चलते आखिर 43 दिन बाद प्रदेश भर में बाजार खुल गए। सरकारी दफ्तर और अस्पताल खुलने से भी लोगों को राहत मिली। डेढ़ महीने से लॉकडाउन की वजह से बंद शराब की दुकानें खुलते ही सोमवार को करीब तीन करोड़ रुपये की बिक्री हुई। कर्फ्यू के दौरान मिलने वाली छूट के पूरे पांच घंटे तक ज्यादातर ठेकों के बाहर कतारें लगी रहीं। दोपहर बाद कई ठेके खाली हो गए। शराब की बिक्री से सरकार को अगले एक महीने में डेढ़ 100 करोड़ से ज्यादा के राजस्व का अनुमान है।
दरअसल, पिछले डेढ़ महीने से शराब के ठेके बंद होने की वजह से सरकार को हर रोज पांच करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा था। लॉकडाउन के बीच प्रदेश सरकार ने करीब महीना भर पहले शराब के ठेके खोलने का फैसला लिया था। डीसी कुल्लू ने तो शराब को आवश्यक वस्तुओं में शामिल कर बिक्री के आदेश भी जारी कर दिए। लेकिन जबरदस्त विरोध के बाद सरकार को आदेश वापस लेना पड़ा। इसके बाद से शनिवार तक शराब की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा रहा।
इस दौरान पुलिस ने प्रदेश भर में भारी मात्रा में अवैध रूप से बिकने वाली देसी-अंग्रेजी शराब भी जब्त की। शनिवार को सरकार ने जब ठेके खोलने का फैसला लिया तो शराब के शौकीनों की बांछें खिल गईं। सोमवार सुबह जब दुकानें खुलीं तो लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का गंभीरता से पालन करते हुए जमकर शराब खरीदी। शराब की बोतलों को भी सैनिटाइज कर दिया गया। वहीं, डेढ़ महीने बाद सरकारी कार्यालय और छोटे अस्पतालों के खुलने के बाद लोगों को खासी राहत मिली।
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