यूनिक समय, इस्लामाबाद। हफ्तों की लंबी अटकलों और अफवाहों के बाद प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर को नया आर्मी चीफ के रूप में चुना है। वहीं, लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी बनाया गया है। सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने ट्विटर पर यह घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए चुनाव किया। उन्होंने आगे कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीजेसीएससी) के अध्यक्ष के रूप में चुना गया है।
पाकिस्तान में आर्मी चीफ की दौड़ में कई बड़े नाम थे, लेकिन बाजी जनरल मुनीर ने मारी। वैसे बता दें कि जनरल मुनीर को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एक बदनाम नाम कहा जाता रहा है। मुनीर जनरल बाजवा की जगह लेंगे। मुनीर पाकिस्तानी सेना के सबसे सीनियर आफिसर हैं। पाकिस्तान के निवृतमान आर्मी चीफ बाजवा के रिटायरमेंट के वक्त लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर ही पाकिस्तानी सेना में सबसे सीनियर अधिकारी हैं। मुनीर 2017 में डीजी मिलिट्री इंटेलिजेंस रह चुके हैं। वहीं 2018 में 8 महीने के लिए करक चीफ भी रहे थे। इस दौरान उनकी कार्यशैली और व्यक्तित्व से जुड़े कई मामले सामने आए, जिनकी वजह से वे खासे बदनाम हुए थे।
ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी एक इंटर-सर्विसेज फोरम है, जो तीनों सशस्त्र बलों के बीच समन्वय के लिए काम करता है। उखउरउ प्रधान मंत्री और नेशनल कमांड अथॉरिटी के प्रिंसिपल मिलिट्री एडवायजर के रूप में भी कार्य करता है। सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि इसका एक सारांश राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को भेजा गया था।
इन दोनों नामों की घोषणा किए जाने के कुछ मिनट बाद मीडिया से बात करते हुए रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि इस मामले को कानून और संविधान के अनुसार तय किया गया है। उन्होंने राष्ट्र को ‘पॉलिटिकल लेंस’ के माध्यम से देखने से परहेज करने का आह्वान किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति नियुक्तियों को विवादास्पद नहीं बनाएंगे और प्रीमियर की सलाह का समर्थन करेंगे। रक्षा मंत्री ने दोहराया कि राष्ट्रपति को प्रीमियर की सलाह का समर्थन करना चाहिए, ताकि कोई विवाद पैदा न हो। इससे हमारे देश और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में भी मदद मिलेगी। फिलहाल सब कुछ ठप है।
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