लखनऊ। लॉकडाउन के चलते राजस्व (Revenue) में भारी कमी देखने को मिल रही है। इसी से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने खर्चों में कटौती को लेकर फरमान जारी किया है. यूपी के अपर मुख्य सचिव, वित्त विभाग संजीव मित्तल की तरफ से प्रदेश के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और सभी विभागध्यक्षों को निर्देश जारी किए हैं. निर्देशों के तहत प्रदेश में तमाम सरकारी योजनाओं पर ‘चेक’ लगा दिया गया है. यानी जो जरूरी हैं, वो ही चलेंगीं, बाकी स्थगित रहेंगीं. नई योजनाएं भी वो ही शुरू होंगीं, जिन्हें टाला नहीं जा सकता. इसके अलावा तमाम विभागों में अप्रसांगिक पदों को खत्म करने के साथ ही दफ्तर और रोजाना के सरकारी कार्यों में भी खर्च में कटौती का फरमान जारी किया गया है।
हवाई यात्रा में सिर्फ इकॉनमी क्लास की सुविधा
माना जा रहा है कि कटौती का सबसे ज्यादा असर यूपी ब्यूरोक्रेसी पर पड़ेगा. एक तरफ उन पर अपने विभाग में खर्च कटौती का दबाव तो होगा ही, साथ ही उन्हें खुद से जुड़े खर्चों में भी ‘एडजस्ट’ करना होगा. दरअसल निर्देशों में कहा गया है कि जो अधिकारी हवाईयात्रा के लिए अधिकृत हैं, वे इकॉनमी क्लास में ही यात्रा करेंगे. पूरे साल एक्जीक्यूटिव क्लास, बिजनेस क्लास में यात्रा प्रतिबंधित रहेगी।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से बैठकें, यात्राएं कम
यही नहीं शासकीय कार्यों के लिए होने वाली यात्राओं को न्यूनतम रखने और वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठकें करने का निर्देश जारी हुआ है. जाहिर है अफसरों के दौरे अब कम हो जाएंगे।
इन खर्चों में 25 प्रतिशत तक करनी है कटौती
इसके अलावा इस वित्तीय वर्ष में कार्यालय खर्च, यात्रा व्यय, ट्रांसफर यात्रा व्यय, अवकाश यात्रा सुविधा, कम्प्यूटर मेनटेनेंस आदि स्टेशनरी की खरीद, मुद्रण एवं प्रकाश, विज्ञापन एवं प्रसार और वर्दी व्यय में 25 प्रतिशत की कमी के आदेश हैं।
पेट्राेल-डीजल के खर्च में भी कटौती
एक अहम आदेश वाहनों के रख-रखाव और पेट्रोल-डीजल के खर्च में कटौती को लेकर भी आया है. निर्देश दिया गया है कि विभाग नए वाहन नहीं खरीदेंगे. पुराने खराब पड़े वाहनों को देखते हुए न्यूनतम जरूरत का आंकलन किया जाए और जरूरत पड़ने पर आउटसोर्सिंग से वाहन अनुबंध किया जाए. सरकारी गाड़ियों के रख-रखाव, पेट्रोल-डीजल के खर्च पर विशेष नजर रखी जाए. साथ ही खर्च में कमी लाई जाए।
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