मध्य प्रदेश: बीजेपी के दांव कमलनाथ सरकार के आगे जा रहे खाली, कांग्रेस अब पहले से ज्यादा मजबूत

झाबुआ सीट जीतने के बाद कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लिया है। हालांकि उसे आगे भी इसे बरकरार रखने के लिए पवाई विधानसभा सीट पर होने वाले आगामी उपचुनाव में जीत हासिल करनी होगी। पवाई से बीजेपी विधायक को अयोग्य करार दे दिया गया है, जिसे राज्य में बीजेपी के लिए एक और झटके के तौर पर देखा जा रहा है। बीजेपी ने पिछले महीने हुए एक उपचुनाव में झाबुआ सीट भी गंवा दी थी, जिससे 230 सदस्यों वाली विधानसभा में उसकी संख्या घटकर 108 पर आ गई है। वहीं झाबुआ में जीत के बाद कांग्रेस के विधायकों की संख्या 115 पर पहुंच गई है।

बीजेपी विधायक प्रहलाद लोधी को पिछले हफ्ते एक निचली अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें अयोग्य करार दे दिया। इसके साथ ही मध्य प्रदेश विधानसभा में सदस्यों की संख्या 229 हो गई है, जिसमें कांग्रेस के पास बहुमत है। मध्य प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता शोभा ओझा ने बताया, ‘झाबुआ में जीत के बाद कांग्रेस के पास 115 सीट हो गई है और पवाई उपचुनाव में जीत के बाद हम 116 सीटों के साथ अकेले बहुमत में होंगे। हमारी सरकार पूरी तरह मजबूत और स्थिर है।’ राज्य विधानसभा में बीजेपी की सीटों की संख्या घट रही है और उसके शीर्ष नेताओं के बीच आंतरिक कलह की भी खबर आ रही है।

लोकसभा चुनाव में बीजेपी का बेहतर प्रदर्शन

चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने एक सीट को छोड़कर राज्य की सभी सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बावजूद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के नेतृत्व को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। बीजेपी नेताओं ने मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की नाव डुबाने की बात कही थी, लेकिन अभी तक कमलनाथ की अगुआई वाली सरकार ही बीजेपी पर भारी पड़ती दिख रही है।

कांग्रेस अब पहले से ज्यादा मजबूत
ओझा ने कहा, ‘झाबुआ में जीत के बाद हमारी सरकार पहले से ज्यादा मजबूत है। एसपी के एक और 4 निर्दलीय विधायक हमारे साथ मजबूती से बने हुए हैं। इसके अलावा पिछले विधानसभा सत्र के दौरान दो बीजेपी विधायकों ने एक बिल पर हमारे पक्ष में मतदान दिया था और हमारी सरकार में भरोसा जताया था।’ बीजेपी ने विधानसभा में अपनी संख्या कम होने के डर से इन दोनों विधायकों- नारायण तिरुपति और शरद कोल पर कोई कार्रवाई नहीं की थी।

आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं

इसके अलावा पार्टी ने एक सरकारी अधिकारी की बैट से पिटाई करने वाले अपने विधायक आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की थी, जो पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं। हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी ने जरूर एक सार्वजनिक बैठक में इस घटना को लेकर नाखुशी जाहिर की थी। बीजेपी ने कृषि कर्ज माफी के वादे को पूरा नहीं कर पाने को लेकर कमलनाथ सरकार को घेरने की कोशिश की है, लेकिन कमलनाथ ने बार-बार इसे कई चरणों में पूरा करने का आश्वासन दिया है।

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