यूनिक समय ,नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के निमाड़ में प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा का बुधवार सुबह निधन हो गया। संत सियाराम बाबा ने भट्टियान स्थित आश्रम पर अंतिम सांस ली, जहां 116 साल की उम्र में संत सियाराम बाबा ने देह त्यागा है। संत सियाराम लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे, जहां लगातार उनके स्वस्थ होने की प्रार्थना उनके भक्तजन कर रहे थे। संत सियाराम बाबा का उपचार आश्रम पर ही चल रहा था, जहां लगातार इंदौर समेत अलग-अलग शहरों से डॉक्टर सियाराम बाबा के स्वास्थ्य को लेकर अपडेट ले रहे थे।
बाबा के अनुयायी निमाड़ और आदिवासी अंचल में बड़ी संख्या में हैं। उनकी उम्र को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जाते रहे हैं। कोई उनकी उम्र 100 साल बताता है तो कोई 116 साल, लेकिन भट्यान गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि वर्ष 1955 में बाबा भट्यान गांव आए थे। तब वे युवा थे और उनकी उम्र 25 से 30 साल रही होगी। 69 साल से वे गांव में रहे, वे गांव छोड़कर कहीं नहीं जाते थे।
संभवत: बाबा दूसरे संतों के साथ नर्मदा परिक्रमा के लिए आए थे और नर्मदा किनारे का यह गांव उन्हें पसंद आ गया। फिर उन्होंने यहां एक कुटिया बनाकर रहने का निश्चय किया। उनके लिए पांच घरों से खाना आता था, जिसे वे एक पात्र में मिलाकर चूरकर खाते थे। उनकी दिनचर्या में सुबह उठकर भगवान का राम नाम जपना और नर्मदा नदी में स्नान करना शामिल था। दिनभर वे आश्रम में रामचरित मानस पढ़ते थे और शाम को भक्तों के साथ भजन गाते थे। बाबा ने वर्षों तक मौन धारण किया था और एक पैर पर खड़े होकर तपस्या भी की थी।
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