मप्र के गुना में पदस्थ युवा उप जिलाधिकारी (सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट) शिवानी गर्ग के नाम से माफिया कोठंड में भी पसीने छूट रहे हैं। मिलावटखोरों के खिलाफ शिवानी ने ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ ‘एंटी माफिया’ अभियान छेड़ा हुआ है। लिहाजा, गुना की जनता बेहद खुश है और लोकप्रिय हो चली इस महिला अधिकारी को ‘मर्दानी’ और ‘भवानी’ जैसे अलंकरण दे रही है।
टीम का नेतृत्व करने से प्रशासनिक अमला सक्रिय
इसकी वजह है, शिवानी ने अपनी दबंग कार्यशैली से माफिया जगत में खलबली मचा दी है। एक ओर वह सरकारी जमीन को दबंगों के कब्जे से मुक्तकरा रही हैं, तो आम अतिक्रमण के खिलाफ भी डटकर खड़ी हैं। शहर को अतिक्रमणमुक्त बनाकर सुधार-संवार रही हैं। वहीं, मिलावटखोरों पर नकेल कसने को चलाए गए उनके अभियान से भी जनता ने राहत की सांस ली है। माफिया से मुकाबले और भय के सवाल पर शिवानी कहती हैं कि वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन, लक्ष्य की पूर्ति का दायित्वबोध और जनसेवा का भाव प्रेरणा का काम करते हैं। नियमानुसार कार्रवाई और इसके अनुरूप आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व करने से प्रशासनिक अमला सक्रिय हो जाता है। ऐसे में हर मुकाबला लड़ा जा सकता है, भय का सवाल ही नहीं उठता।
बिना कोचिंग लिए घर पर ही तैयारी की
मप्र के ही सागर जिले में पली-बढ़ीं शिवानी मध्यवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता राजेश रायकवार लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में अकाउंटेंट हैं और मां कमला रायकवार स्वास्थ्य विभाग में सुपरवाइजर। पति अंशुल गर्ग जेल उपअधीक्षक हैं। बताती हैं, परिवार में शैक्षिक माहौल का लाभ बचपन से मिला इसलिए पढ़ाई में अव्वल रही। स्नातक करने के बाद मप्र लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) की परीक्षा की तैयारी की और 2015 में परीक्षा दी। बिना कोचिंग लिए घर पर ही तैयारी की और पहले ही प्रयास में उप जिलाधिकारी के रूप में चयन हो गया। इसके बाद पहली पोस्टिंग गुना में हुई और जनसेवा का सफर शुरू हुआ। बतौर एसडीएम गुना, शिवानी ने पद की गरिमा के अनुरूप काम शुरू कर दिया। कहती हैं, शासन और वरिष्ठ अधिकारियों के जो भी निर्देश मिले, उन्हें लक्ष्य बनाकर पूरा किया। इसके अलावा स्वच्छता रैंकिंग में शहर को टॉप-10 सूची में शामिल कराना प्राथमिकता है।
माफिया मुहिम को भी पूरी ताकत से अंजाम दे रही
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान छेड़कर शिवानी ने शहर के बड़े मिलावटखोरों पर कठोर कार्रवाई की। इस दौरान एक डेयरी संचालक पर रासुका का मामला दर्ज कराया। वहीं, एंटी माफिया मुहिम को भी पूरी ताकत से अंजाम दे रही हैं। बकौल शिवाली, फिलहाल शहर में एंटी माफिया मुहिम जारी है, जिसमें आने वाले दिनों में कई और बड़ी कार्रवाई सामने आ सकती हैं। नौकरी और परिवार के बीच सामंजस्य बनाने के सवाल पर शिवानी बताती हैं कि उनके पति का इसमें भरपूर सहयोग मिलता है।
निकाल रहीं दबंगों की दबंगई…
गुना के मावन क्षेत्र में एक दंबग 30 साल से 50 बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा किए हुए था, जिसकी अनुमानित कीमत 15 करोड़ रुपये है। कार्रवाई को अंजाम देने के लिए शिवानी ने खुद टीम की अगुवाई की, गर्मागर्मी के बीच ट्रैक्टर-जेसीबी भी चलाना पड़ा, चलाकर यह जमीन मुक्तकराई। इससे पूरी टीम को हौसला मिला और दबंगों में खौफ कायम हुआ। इसी तरह 35 साल से 60 बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा किए हुए दबंग से उन्होंने सरकारी जमीन वापस ली। सुबह पांच बजे टीम लेकर पहुंचीं और खुद जेसीबी चलाकर अतिक्रमण हटाया।
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