नई दिल्ली। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा हुए आज 10 दिन हो गए हैं, बावजूद इसके भाजपा और शिवसेना के बीच नई सरकार के गठन को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई है। दोनों ही दल मुख्यमंत्री के पद की मांग कर रहे हैं जिसकी वजह से प्रदेश में सरकार गठन में देरी हो रही है। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-एत्तेहादुल के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा और शिवसेना दोनों पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा ये 50-50 क्या है, कोई नया बिस्कुट है क्या है।
आखिर ये कैसा सबका साथ, सबका विकास
ओवैसी ने शिवसेना की 50-50 मांग पर निशाना साधते हुए कहा कि आखिर ये क्या है, कोई नया बिस्कुट है, आप कितना 50-50 करेंगे। कुछ तो महाराष्ट्र की जनता के लिए बचाकर रखिए। ओवैसी ने महाराष्ट्र की बारिश से सतारा में हुई नुकसान को लेकर भाजपा-शिवसेना पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि दोनों ही बारिश की वजह से सतारा में हुई तबाही को लेकर चिंतित नहीं हैं। उन्हें सिर्फ 50-50 चाहिए। आखिर में यह किस तरह का सबका साथ और सबका विकास है।
सोनिया गांधी को लिखा पत्र
इस बीच सरकार बनाने की कवायद में जुटी शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी दोनों के संपर्क में है। जानकारी के अनुसार इन तमाम कवायदों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद हुसैन दलवई ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि शिवसेना की ओर से सरकार बनाने के लिए समर्थन मांगा जाता है तो देना चाहिए। बीजेपी और शिवसेना में फर्क है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के इस पत्र के बाद कांग्रेस भी सरकार बनाने के इस खेल में मैदान में उतर सकती है। वहीं दूसरी ओर दलवई के इस पत्र का शिवसेना ने स्वागत किया है।
वरिष्ठ नेता इसके खिलाफ
शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं की अलग-अलग राय है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस सरकार नहीं बनाने जा रही है। शिंदे ने कहा, ”मैं ये स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कांग्रेस एक सेक्युलर पार्टी है। कांग्रेस कभी भी धर्म या जाति के विचारों पर चलने वाली पार्टियों को समर्थन नहीं देगी। जनता ने हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है। हम उसका पालन करेंगे।’
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